देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के ‘ताज’ के लिए सियासी घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने अपने-अपने समर्थित प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस जंग में नवनिर्वाचित निर्दलीय और बागी सदस्य ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आ गए हैं, जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए दोनों दलों में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है।
रणनीति बनाने में जुटी भाजपा, निर्दलीयों पर नजर
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बीच हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में पंचायत नतीजों और आगामी रणनीति पर मंथन हुआ। भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की जीत पर मुख्यमंत्री को बधाई दी, लेकिन असली चर्चा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर कब्जा करने को लेकर हुई। भाजपा ने चुनाव जीते निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों का समर्थन जुटाने के लिए एक खास रणनीति बनाई है, जिसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
देहरादून जिले का उदाहरण इस रणनीति को साफ करता है। यहां जिला पंचायत की 30 सीटों में से भाजपा को केवल 7 पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस समर्थित 13 और 10 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। इसके बावजूद भाजपा देहरादून में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का दावा कर रही है। पार्टी का तर्क है कि अधिकांश निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा की विचारधारा से ही जुड़े हैं और वे उनका समर्थन करेंगे।
कांग्रेस ने भी कसी कमर, पर्यवेक्षकों से मांगी रिपोर्ट
दूसरी ओर, कांग्रेस भी इस मुकाबले में पीछे नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के चुनाव के लिए कमर कस ली है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के निर्देश पर, चुनाव के लिए जिलों में तैनात किए गए पर्यवेक्षकों से संभावित प्रत्याशियों की रिपोर्ट मांगी गई है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि ये पर्यवेक्षक, जिनमें वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक शामिल हैं, अपने-अपने जिलों में स्थानीय नेताओं, विधायकों और नवनिर्वाचित सदस्यों से समन्वय स्थापित कर जिताऊ उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर प्रदेश मुख्यालय को भेजेंगे।
धस्माना ने दावा किया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अध्यक्ष और प्रमुख पदों के लिए चुनाव पारदर्शी तरीके से हुए तो प्रदेश में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा। साथ ही उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी दल इन पदों को जीतने के लिए “धन-बल का इस्तेमाल करने का प्रपंच कर रहा है”।