मंडी, हिमाचल प्रदेश।
हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला मंगलवार को प्रकृति के भीषण कोप का शिकार हो गया। तड़के सुबह शहर में बादल फटने से आई प्रलयंकारी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, जिसमें अब तक चार लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। उफनते नालों का पानी और पहाड़ों से आया मलबा घरों में घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। दर्जनों गाड़ियां या तो मलबे के ढेर में दब गईं या सैलाब के तेज बहाव में बह गईं। इस मातम और तबाही के बीच, राहत और बचाव दलों ने एक महिला और एक बच्चे को मलबे से जिंदा निकालकर उम्मीद की एक किरण भी जगाई है।
मंगलवार सुबह मंडी शहर में जो मंजर देखने को मिला, वह हर आंख को नम कर देने वाला था। एक ओर आसमान से बरसता कहर, तो दूसरी ओर पहाड़ों से उतरता मौत का मलबा और सैलाब। इन सबके बीच इंसानी जिंदगियों की बेबसी साफ नजर आ रही थी। शहर के जेल रोड, जोनल अस्पताल मार्ग और सैण क्षेत्र देखते ही देखते तबाही के केंद्र बन गए, जहाँ नालों ने विकराल रूप धारण कर लिया।
एक ही परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के लिए यह सुबह काल बनकर आई। उनका घर नाले के ठीक पास स्थित है। लगातार हो रही बारिश के कारण अचानक आए मलबे ने उनके घर को चारों ओर से घेर लिया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, सैलाब और मलबे का एक सैलाब उनके घर को निगल गया। घर में इतना मलबा भर गया कि बचाव दल को खिड़कियां तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। राहत दल ने पूर्व पार्षद कृष्णा देवी को तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन उनका बेटा, बहू और पोता मलबे की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। कृष्णा देवी के चेहरे पर भय और आंखों में आंसू साफ बयां कर रहे थे कि यह जख्म जीवनभर नहीं भरने वाला।
गाड़ियों के नीचे दबी महिला, दर्दनाक मौत
त्रासदी की एक और दर्दनाक तस्वीर तब सामने आई, जब एक महिला अपने घर से बाहर निकली और सैलाब के तेज बहाव की चपेट में आ गई। बहाव इतना तेज था कि वह बहती हुई सड़क पर खड़ी पांच गाड़ियों के नीचे फंस गई। स्थानीय लोग और बचाव दल जब तक कुछ कर पाते, तब तक गाड़ियां महिला समेत नाले में समा चुकी थीं। बाद में, राहत दल और स्थानीय लोगों ने मिलकर इन गाड़ियों को कटर से काटना शुरू किया, तब जाकर वे महिला के शव तक पहुंच सके। यह दृश्य इतना दर्दनाक था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं।
आपदा की सूचना मिलते ही, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), स्थानीय पुलिस और होम गार्ड की टीमें तुरंत हरकत में आ गईं और युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस भीषण त्रासदी में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन प्रभावितों के पुनर्वास और शहर में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।