Delhi: कारगिल विजय दिवस पर सेना प्रमुख बोले- आंतकवाद के खिलाफ सफल रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’

नई दिल्ली। देश आज 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक से राष्ट्र को संबोधित करते हुए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने न केवल कारगिल के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि देश की सैन्य तैयारियों और भविष्य के संकल्पों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने खुलासा किया कि भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर निर्णायक कार्रवाई की थी और अब सीमाओं को और मजबूत करने के लिए एक नई विशेष ब्रिगेड का गठन किया जा रहा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दिया करारा जवाब

जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें सरकार ने सेना को खुली छूट दी थी। इस अभियान के तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर स्थित 9 महत्वपूर्ण आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस कार्रवाई को इतनी सटीकता से अंजाम दिया गया कि किसी भी निर्दोष नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “हमने शांति का मौका दिया, लेकिन उन्होंने (पाकिस्तान) कायरतापूर्ण कार्रवाई की, जिसका हमने साहस के साथ जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प, संदेश और प्रतिक्रिया है।”

शहीदों को नमन और भविष्य की चेतावनी

द्रास में टाइगर हिल, तोलोलिंग और प्वाइंट 4875 जैसी ऐतिहासिक चोटियों की साक्षी में जनरल द्विवेदी ने कहा, “हम उन नायकों के ऋणी हैं जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम उन योद्धाओं के संकल्प और वीरता को याद कर रहे हैं ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां शांति से रह सकें।” इसके साथ ही उन्होंने भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाली ताकतों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “जो ताकतें भारत की अखंडता और लोगों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रही हैं, उन्हें भविष्य में भी करारा जवाब दिया जाएगा। यह भारत का नया सामान्य (New Normal) है।”

सेना का आधुनिकीकरण और नई ब्रिगेड का गठन

भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारियों का ब्योरा देते हुए सेना प्रमुख ने एक नई ब्रिगेड के गठन को मंजूरी देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस ब्रिगेड में मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयां, तोपखाने, लॉजिस्टिक्स और लड़ाकू समर्थन के साथ-साथ विशेष बल (स्पेशल फोर्सेज) जैसे घटक शामिल होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विशेष बल स्थापित किए गए हैं जो सीमा पार दुश्मन को चौंकाने वाली कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ये कदम सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे और हम ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेना लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों में भी अपना योगदान दे रही है।

 

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