देहरादून। उत्तराखंड में ग्रामीण अवसंरचना के विकास को गति देने और नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) से मिलने वाली वित्तीय सहायता का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने एक उच्च-स्तरीय बैठक में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने धीमी गति से चल रही परियोजनाओं पर नाराजगी जताते हुए विभागों को लगातार निगरानी करने और अगस्त माह के अंत तक नए प्रस्ताव भेजने का अल्टीमेटम दिया है।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित नाबार्ड के अंतर्गत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) से पोषित योजनाओं की उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने भविष्य के लिए 1200 करोड़ रुपये का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी निर्धारित किया।
जवाबदेही और समय-सीमा तय
मुख्य सचिव ने बैठक में विभागों के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए:
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शीघ्र जमा करें उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC): उन्होंने विभागों को सख्त निर्देश दिए कि वे चल रही परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC) शीघ्र उपलब्ध कराएं, ताकि धन का प्रवाह बना रहे और आगे की किश्तें जारी हो सकें।
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अगस्त तक भेजें नए प्रस्ताव: सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने नए प्रस्ताव अगस्त माह के अंत तक अनिवार्य रूप से भेज दें, ताकि समय पर उनकी स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
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फंड का पूरा उपयोग सुनिश्चित करें: मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग स्वीकृत फंड का आहरण समय पर करवा लें। उन्होंने समझाया कि जब राज्य आवंटित धन का पूरा और समय पर उपयोग करेगा, तभी प्रदेश को मिलने वाले कुल फंड का आवंटन भविष्य में बढ़ाया जा सकेगा।
1200 करोड़ का महत्वाकांक्षी लक्ष्य और नए आइडिया
मुख्य सचिव ने नाबार्ड के अधिकारियों और विभागीय प्रमुखों को आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के लिए नाबार्ड का बजट 1200 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की दिशा में मिलकर काम करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा, “हम सभी को सोर्स ऑफ फंड (वित्त के स्रोत) तलाशने की आवश्यकता है।”
एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए उन्होंने नाबार्ड और विभागों को प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से चेन-लिंक फेंसिंग के लिए फंड की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए, ताकि किसानों की फसलों को बचाया जा सके।
धीमी परियोजनाओं की होगी मॉनिटरिंग, पोर्टल की खामियां दूर करने के निर्देश
धीमी गति से चल रहे प्रोजेक्ट्स पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने विभागों को निर्देश दिया कि वे इनकी लगातार मॉनिटरिंग करें और प्रोजेक्ट की गति बढ़ाएं। उन्होंने विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए डिस्बर्समेंट (धनराशि का वितरण) और रिम्बर्समेंट (प्रतिपूर्ति) की प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा।
इसके साथ ही, उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को उनके पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों को भी जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए, ताकि विभाग पोर्टल पर अपनी परियोजनाओं की स्थिति और अन्य जानकारी आसानी से अपडेट कर सकें।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव सी. रविशंकर, अपर सचिव हिमांशु खुराना और मनमोहन मैनाली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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