Uttarakhand: हेली सेवाओं में सुरक्षा सर्वोपरि, आदि कैलाश तक उड़ेगा हेलीकॉप्टर- CM धामी ने दिए अहम निर्देश – The Hill News

Uttarakhand: हेली सेवाओं में सुरक्षा सर्वोपरि, आदि कैलाश तक उड़ेगा हेलीकॉप्टर- CM धामी ने दिए अहम निर्देश

देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के विस्तार को गति देने के साथ ही सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने के कड़े निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में नागरिक उड्डयन विभाग की ‘गेमचेंजर’ योजनाओं की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री ने दूरस्थ क्षेत्रों तक हवाई नेटवर्क के विस्तार, एयरो स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने और चारधाम के लिए नियमित चार्टर सेवा शुरू करने पर जोर दिया।

सुरक्षा और कनेक्टिविटी पर फोकस
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक आवाजाही को सुगम बनाने के लिए हवाई सेवाओं का विस्तार आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही हवाई सेवाओं में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने इसरो के साथ मिलकर हवाई यातायात को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए की जा रही डिजिटल मैपिंग की पहल की सराहना की।

पंतनगर में खुलेगा फ्लाइंग स्कूल, कई नए रूट होंगे शुरू
बैठक में नागरिक उड्डयन सचिव श्री सचिन कुर्वे ने विभाग की भविष्य की योजनाओं का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पंतनगर में एक नया फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है।

उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम (उकाडा) के तहत कई नए रूटों पर हवाई सेवाएं शुरू करने की तैयारी चल रही है, जिनमें शामिल हैं:

  • देहरादून-जोशीमठ और जोशीमठ-बद्रीनाथ के बीच शटल सेवा।

  • पिथौरागढ़-धारचूला और पिथौरागढ़-मुनस्यारी के बीच हवाई सेवा।

  • आदि कैलाश क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गुंजी से सीधी हेलीकॉप्टर सेवा।

  • केदारनाथ हेली सेवा को और मजबूत बनाने के लिए गरुड़चट्टी के पास एक अतिरिक्त हेलीपैड का निर्माण।

एयरपोर्ट का विस्तार और नए हेलीपैड
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के प्रमुख एयरपोर्ट्स का भी विस्तार किया जा रहा है।

  • पंतनगर एयरपोर्ट: विस्तार कार्य 2027-28 तक पूरा होने की उम्मीद है।

  • जौलीग्रांट एयरपोर्ट: वर्ष 2026 तक इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है।

  • पिथौरागढ़ हवाई पट्टी: गुंजी, मुनस्यारी और आदि कैलाश क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए इसे एक ‘रीजनल हब सेंटर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

  • नए हेलीपैड: भारतीय सेना के सहयोग से सीमांत क्षेत्रों में नए हेलीपैड बनाने की भी योजना है।

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