देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश, विशेषकर राजधानी देहरादून की यातायात व्यवस्था को सुधारने और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) को कड़े निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में विभाग की ‘गेम चेंजर’ योजनाओं की समीक्षा करते हुए, उन्होंने अधिकारियों से रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित चार-लेन एलिवेटेड रोड परियोजना की सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाने को कहा। इसके साथ ही, आशारोड़ी से मोहकमपुर तक देहरादून रिंग रोड/बाईपास और यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी पर भी तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए।
आधुनिक तकनीक और रखरखाव पर जोर
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्यों में नवीन तकनीक का उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनके पुनर्निर्माण और मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को सुरक्षित और टिकाऊ बनाने के लिए, उन्होंने जियोसिंथेटिक रिटेनिंग वॉल जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान लगातार और प्रभावी ढंग से चलाया जाए।
केदारखंड-मानसखंड कनेक्टिविटी पर फोकस
समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केदारखंड और मानसखंड की आपसी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए तेजी से काम किया जाना चाहिए, ताकि दोनों क्षेत्रों के बीच आवागमन सुगम हो सके। इसके अलावा, देहरादून से हल्द्वानी, दिल्ली से हल्द्वानी और अन्य प्रमुख शहरों के लिए सड़क संपर्क को और मजबूत बनाने के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने मसूरी और देहरादून के बीच यातायात के भारी दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति
बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव, डॉ. पंकज पाण्डेय ने इन परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि:
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रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर: रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबे चार-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए पहले चरण की स्वीकृति के तहत फिजिबिलिटी स्टडी और हाइड्रोलॉजिकल स्टडी पूरी हो चुकी है। प्रस्तावित भू-अधिग्रहण योजना के अनुसार, मौके पर जमीन के चिन्हीकरण की कार्यवाही चल रही है।
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देहरादून रिंग रोड: इस परियोजना के संरेखण (alignment) को अंतिम रूप दिया जा चुका है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार है और रेलवे के साथ संयुक्त निरीक्षण कर डायवर्जन प्लान भी बना लिया गया है।
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देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी: इस परियोजना की भी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और जियोटेक्निकल जांच का काम पूरा कर लिया गया है।