देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘डिजिटल उत्तराखंड’ को राज्य के लिए एक ‘गेमचेंजर’ पहल बताते हुए अधिकारियों को इसे एक तय रोडमैप के अनुसार प्रभावी और समयबद्ध तरीके से लागू करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन (गुड गवर्नेंस) की इस महत्वपूर्ण डिजिटल पहल को सफल बनाने के लिए सभी विभाग पूरी तत्परता से काम करें, ताकि नागरिकों को सरल, सुविधाजनक और पारदर्शी सेवाएं मिल सकें।
सचिवालय में इस गेमचेंजर योजना को लेकर आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने ‘डिजिटल उत्तराखंड’ प्लेटफॉर्म के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य को डिजिटल युग की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल शासन प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि नागरिकों के साथ संवाद और सेवाओं के वितरण के तरीके में भी क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने इस प्लेटफॉर्म को सुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
एक ही जगह मिलेंगी सभी सरकारी सेवाएं
बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि ‘डिजिटल उत्तराखंड’ प्लेटफॉर्म को राज्य सरकार की सभी योजनाओं और नागरिक सेवाओं के लिए एक ‘डिजिटल एकल एक्सेस प्वाइंट’ (Digital Single Access Point) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि भविष्य में नागरिकों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लिए विभिन्न वेबसाइटों या कार्यालयों में भटकने की जरूरत नहीं होगी; वे एक ही एकीकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सचिव ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य डेटा-आधारित प्रशासन को बढ़ावा देना है। इससे सरकारी कामकाज की कार्यक्षमता और दक्षता में सुधार होगा, जिससे नागरिक सेवाओं का वितरण और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इस पहल को राज्य के शासन-प्रशासन में एक नए युग की शुरुआत बताया और अधिकारियों को इसे मिशन मोड में लागू करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के पहुंचाना है।