नई दिल्ली। प्राकृतिक आपदा की मार और वित्तीय संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की गंभीर वित्तीय स्थिति का ब्योरा देते हुए केंद्र सरकार से तत्काल सहायता की गुहार लगाई। उन्होंने विशेष रूप से राज्य की उधार लेने की सीमा (Borrowing Limit) बढ़ाने और हाल ही में हुई भारी बारिश से हुए नुकसान के लिए एक विशेष राहत पैकेज की मांग की।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्त मंत्री को बताया कि हिमाचल प्रदेश एक कठिन दौर से गुजर रहा है। एक ओर राज्य पर वित्तीय देनदारियों का बोझ है, तो दूसरी ओर हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में बुनियादी ढांचे, जिसमें सड़कें, पुल, बिजली और पानी की परियोजनाएं शामिल हैं, को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा कृषि और पर्यटन क्षेत्र पर भी इसका गहरा असर पड़ा है, जिससे राज्य के राजस्व में भारी कमी आई है।
इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया कि वह राज्य की उधार लेने की सीमा को बढ़ाए। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा सीमा राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। एक बढ़ी हुई उधार सीमा सरकार को पुनर्निर्माण और विकास कार्यों को गति देने के लिए आवश्यक धन जुटाने में सक्षम बनाएगी। इससे राज्य सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को जारी रख सकेगी और प्रभावित लोगों को समय पर राहत पहुंचा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से आपदा राहत के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज की भी पुरजोर मांग की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से राहत और पुनर्वास कार्यों का संचालन कर रही है, लेकिन नुकसान का पैमाना इतना बड़ा है कि केंद्र सरकार की मदद के बिना स्थिति को सामान्य करना लगभग असंभव है। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य होने के नाते प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील है और इसे उबरने के लिए केंद्र के विशेष समर्थन की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान वित्त मंत्रालय से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और राज्य की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। इस मुलाकात को हिमाचल प्रदेश के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि केंद्र से मिलने वाली कोई भी वित्तीय सहायता राज्य को मौजूदा संकट से उबारने में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह भी उपस्थित रहे।
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