Himachal: आपदाग्रस्त हिमाचल में युद्धस्तर पर राहत, सीएम सुक्खू ने संभाला मोर्चा, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तैनात

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए भीषण बादल फटने और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर मंडी जिले के थुनाग, जंजैहली और अन्य इलाकों में राहत एवं बहाली के कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार आपदा पीड़ितों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह सचेत है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर ही तैनात किया गया है और मुख्यमंत्री स्वयं लगातार निगरानी कर रहे हैं।

उच्च-स्तरीय निगरानी और बलों की तैनाती
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि मुख्य सचिव द्वारा प्रभावी अंतर-विभागीय समन्वय और त्वरित जमीनी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दैनिक समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF और NDRF) की टीमों को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों जंजैहली और थुनाग उपमंडल में तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, बहाली के उपायों की निगरानी के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता, राज्य बिजली बोर्ड के निदेशक (संचालन) और जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता थुनाग में ही कैंप कर रहे हैं। इनके साथ ही होमगार्ड, पुलिस और स्वयंसेवकों की टीमें भी राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।

सड़कें, बिजली, पानी की बहाली प्राथमिकता
आपदा के कारण प्रदेश भर में लगभग 392 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे 20 जून से 3 जुलाई के बीच सड़क अधोसंरचना को लगभग 182 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग 289 जेसीबी, 15 रोबोट और 111 टिप्परों सहित भारी मशीनरी के साथ सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहाँ 189 सड़कें बंद हैं और लगभग 47 करोड़ का नुकसान हुआ है।

जल शक्ति विभाग भी भारी बारिश और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल और सिंचाई योजनाओं को बहाल करने में जुटा है। अंतरिम उपाय के तौर पर, प्रभावित गांवों में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के लिए क्लोरीनेशन के बाद छोटी गुरुत्वाकर्षण-आधारित योजनाओं को सक्रिय किया गया है। वहीं, बिजली बोर्ड की टीमें 33 केवी गोहर-थुनाग लाइन को बहाल करने में सफल रही हैं और थुनाग में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को बिजली आपूर्ति जल्द ही शुरू हो जाएगी। इस आपदा में बिजली बोर्ड को करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

राहत सामग्री और संचार की व्यवस्था
प्रभावित लोगों तक तत्काल मदद पहुंचाने के लिए थुनाग और जंजैहली में हवाई मार्ग से राशन की 246 किटें (आटा, चावल, दालें, खाद्य तेल आदि) गिराई गई हैं और वितरित की गई हैं। आपातकालीन संचार सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा थुनाग क्षेत्र में इंट्रा सर्कल रोमिंग (ICR) को सक्रिय कर दिया गया है और ISAT फोन भी भेजे गए हैं।

मुख्यमंत्री ने आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के समर्पण की सराहना की। उन्होंने सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आश्वासन दिया कि सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल की जाएगी और राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की उच्चतम स्तर पर निरंतर निगरानी की जा रही है।

 

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