चंडीगढ़।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई गई ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत, राज्य विजिलेंस ब्यूरो (VB) ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दो अलग-अलग मामलों में एक पुलिसकर्मी और एक सरकारी अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इन कार्रवाइयों ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।
पहले बड़े मामले में, विजिलेंस ब्यूरो ने बठिंडा जिले में भूचो के डीएसपी के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) के रूप में तैनात हेड कांस्टेबल (HC) राज कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।
विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई बठिंडा जिले के नथाना तहसील के गांव कल्याण सुखा की निवासी एक महिला की शिकायत पर की गई। शिकायतकर्ता महिला ने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क कर आरोप लगाया था कि खेती की जमीन को लेकर हुए एक विवाद के चलते विरोधी पक्ष ने उसके पति और दोनों बेटों के खिलाफ पुलिस स्टेशन नथाना में एक झूठा मामला दर्ज करा दिया था, जिसकी जांच भूचो के डीएसपी कर रहे थे।
महिला के अनुसार, डीएसपी के रीडर राज कुमार ने उसे फोन कर बताया कि उसने मामले की दोबारा जांच के संबंध में डीएसपी से बात कर ली है और रिपोर्ट पर केवल डीएसपी के हस्ताक्षर बाकी हैं। मामला रद्द कराने के एवज में उसने 2 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। आरोपी राज कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह पहली किस्त के रूप में तुरंत एक लाख रुपये दे दे, ताकि वह काम करवा सके। महिला ने यह पूरी बातचीत अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर ली और सबूत के तौर पर विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी।
शिकायत के सत्यापन के बाद, बठिंडा रेंज की विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और हेड कांस्टेबल राज कुमार को शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो सरकारी गवाहों की उपस्थिति में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि मौके पर ही उससे बरामद कर ली गई। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
वहीं, एक अन्य मामले में, विजिलेंस ब्यूरो ने अमृतसर में खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय (BDPO) में तैनात ब्लॉक अधिकारी जॉर्ज मसीह को 13,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई अमृतसर जिले के गांव बिकरौर के एक निवासी की शिकायत पर की गई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि वह 2024 में पंचायत चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन ब्लॉक अधिकारी ने उसे 4 कनाल सरकारी जमीन का बकाया भुगतान न करने पर डिफॉल्टर घोषित कर दिया और एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी। आरोपी अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कहा कि यदि वह डिफॉल्टर सूची से अपना नाम कटवाना चाहता है और राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करवाना चाहता है, तो उसे 13,000 रुपये की रिश्वत देनी होगी।
शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद, विजिलेंस की अमृतसर यूनिट ने जाल बिछाकर आरोपी जॉर्ज मसीह को शिकायतकर्ता से 13,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इन दोनों मामलों ने राज्य प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान की गंभीरता को उजागर किया है।
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