Punjab: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पंजाब का कड़ा ऐतराज, बताया संघीय ढांचे पर हमला – The Hill News

Punjab: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पंजाब का कड़ा ऐतराज, बताया संघीय ढांचे पर हमला

चंडीगढ़।

केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा पर पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को इस प्रस्ताव को बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारतीय संविधान की मूल संरचना और आत्मा पर सीधा हमला करार दिया।

शनिवार को संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी.पी. चौधरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भाग लेने के बाद, पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि उन्होंने ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। चीमा ने कहा, “भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव देश के संघीय ढांचे को नष्ट करने के लिए एक छिपा हुआ एजेंडा है, जिसे बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने बड़ी मेहनत से संविधान में स्थापित किया था।”

प्रस्तावित विधेयक में संशोधनों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि ये संशोधन राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को प्रभावी रूप से केंद्र सरकार के विवेक पर निर्भर बना देंगे। उन्होंने इसे संविधान में निहित संघीय ढांचे पर एक खतरनाक अतिक्रमण बताया। चीमा ने आशंका जताई कि यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 356 और 360 के दुरुपयोग को और बढ़ावा देगा।

चीमा ने विधेयक के एक विशिष्ट खंड का उल्लेख करते हुए अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “भाग 2 की धारा 5 के अनुसार, यदि चुनाव आयोग को लगता है कि किसी भी विधानसभा के चुनाव लोकसभा के आम चुनाव के साथ नहीं कराए जा सकते हैं, तो वह राष्ट्रपति से सिफारिश कर सकता है कि उस विधानसभा का चुनाव बाद की तारीख में कराया जाए।” इस संशोधन का हवाला देते हुए चीमा ने तर्क दिया कि भाजपा का ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार अंततः उल्टा पड़ जाएगा। इससे केंद्र सरकार को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह आम चुनावों के एक या दो साल बाद अपनी सुविधानुसार राज्यों में चुनाव कराए, जो इस प्रस्ताव के प्रचारित उद्देश्य को ही विफल कर देगा।

चीमा ने देश के संघीय लोकाचार और राज्यों की संस्थागत स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए एक संयुक्त रुख का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के एकतरफा प्रस्ताव भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए आवश्यक शक्ति संतुलन को अस्थिर करने का जोखिम उठाते हैं। उन्होंने इस विधेयक को क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की एक सोची-समझी चाल बताया, जो विविध संस्कृतियों, भाषाओं और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ हैं।

संविधान को बनाए रखने के लिए पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और ‘आप’ केंद्रीकृत अतिक्रमण के खिलाफ राज्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस विधेयक का लिखित रूप में भी विरोध करेंगे।

 

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