देहरादून: राजधानी देहरादून में आस्था और सद्भावना के प्रतीक श्री झंडे जी का बुधवार को आरोहण किया गया। इसके साथ ही रामनवमी तक चलने वाले श्री झंडे जी मेले का भी शुभारंभ हो गया। श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में श्री झंडे जी को उतारा गया और फिर दोपहर में नए ध्वजदंड पर आरोहण किया गया। इस पावन अवसर पर दरबार साहिब जयकारों से गूंज उठा और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
परंपरा अनुसार बदला गया ध्वजदंड:
परंपरा के अनुसार इस बार श्री झंडे जी के ध्वजदंड को बदला गया। मंगलवार को श्री दरबार साहिब में पूर्वी संगत की विदाई हुई। इससे पहले श्रीमहंत ने संगत को गुरु मंत्र दिया।
श्रीमहंत का संदेश:
श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने संगत को गुरुमंत्र देते हुए कहा कि जिस प्रकार सूर्य की किरणें सभी को समान रूप से प्रकाश और ऊष्मा देती हैं, उसी प्रकार एक आध्यात्मिक गुरु अपनी कृपा और करुणा सभी पर समान रूप से रखते हैं। गुरु हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करते हैं।
भक्तों का तांता:
श्री झंडे जी के आरोहण के लिए मंगलवार से ही देहरादून में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। सहारनपुर चौक से झंडा बाजार तक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतज़ाम किए और झंडा बाजार और सहारनपुर चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों को रोका। दोपहिया वाहनों को भी मेला स्थल तक जाने से रोका गया। आरोहण की पूर्व संध्या पर पूरब की संगत की विदाई हुई और उन्हें पगड़ी, ताबीज और प्रसाद वितरित किया गया।
मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को श्री झंडे जी मेले की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, श्रद्धा, आस्था, आपसी प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। श्री गुरु राम राय महाराज की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।
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