देहरादून: उत्तराखंड सरकार शहरीकरण और सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस कड़ी में, विकास प्राधिकरण अब अपने क्षेत्रों में भूमि बैंक बना सकेंगे, जिसका उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में नई टाउनशिप विकसित करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, पूर्व विधायकों की पेंशन में भी वृद्धि की गई है।
भूमि बैंक:
सरकार ने उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम में संशोधन किया है, जिससे विकास प्राधिकरण अब किसानों और अन्य लोगों से सहमति के आधार पर भूमि खरीदकर भूमि बैंक बना सकेंगे। इससे प्राधिकरणों को भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, जिसमें अधिक भुगतान करना पड़ता है. नई टाउनशिप के लिए सरकार प्राधिकरण का क्षेत्र घोषित करेगी और वहां भूमि बैंक बनाया जाएगा।
मलिन बस्तियों का सुधार:
शहरी क्षेत्रों में स्थित मलिन बस्तियों के सुधार, नियमितीकरण और पुनर्वास के लिए अधिनियम में संशोधन कर इसकी अवधि तीन साल के लिए बढ़ा दी गई है। इससे राज्य में स्थित 500 से अधिक मलिन बस्तियों के निवासियों को राहत मिलेगी।
पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि:
उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक के तहत पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि की गई है।
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पहले वर्ष की पेंशन: ₹40,000 से बढ़ाकर ₹60,000 प्रति माह। 
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वार्षिक वृद्धि: ₹2,000 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह। 
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पांच साल का कार्यकाल पूरा करने पर पेंशन: ₹72,000 प्रति माह। 
अन्य सुविधाएं:
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रेलवे कूपन की अवशेष राशि नकद प्राप्त करने की सुविधा। 
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विधायकों के भत्तों में वृद्धि। 
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₹25 लाख का अग्रिम ऋण लेने की सुविधा, जिसकी वापसी 10 साल की समान मासिक किस्तों में करनी होगी। 
मुख्य बिंदु:
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विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि बैंक का निर्माण। 
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पहाड़ी क्षेत्रों में नई टाउनशिप का विकास। 
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मलिन बस्तियों के सुधार की अवधि में वृद्धि. 
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पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी. 
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विधायकों के लिए अन्य सुविधाओं में वृद्धि.