क्रिकेट का बल्ला पकड़ कर बोले हरदा, हमसें हिंदु मुस्लिम का खेल मत खेलो – The Hill News

क्रिकेट का बल्ला पकड़ कर बोले हरदा, हमसें हिंदु मुस्लिम का खेल मत खेलो

देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद के राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के बाद से सियासत गर्मा गई है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर कैंपन चला दिया है कि हरीश रावत मुस्लिम हितैषी हैं और हिंदुओ की अनदेखी करते हैं। इसका हरीश रावत ने शुक्रवार को क्रिकेट का बल्ला पकड़कर पलटवार किया। हरदा ने बल्ला घूमाते हुए भाजपा को चुनौति दी कि हिंदु मुस्लिम की बाते कर जनता को भ्रमित करना बंद करे और विकास के मुद्दे पर आए।

हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली है कि

#भाजपाइयों और भाजपा के नेताओं मुझसे बहुत खेल रहे हो, मगर तुम्हारे पास क्या #रोजगार-रोजगार का खेल नहीं है? हमसे बात करो न कि हमने रोजगार के लिए क्या किया है उत्तराखंड में? ………

#भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं, हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया। फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं समझता हूंँ कांग्रेस के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी और किसी मुसलमान भाई ने भी जिस तरीके से नमाज़ की छुट्टी देने की मांग नहीं की, उसी तरीके से मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने की भी मांग नहीं की है। मगर झूठ गढ़ने में आपकी कोई शानी नहीं है, चुनाव के बाद फिर मिलेंगे और इस तरीके के जालसाजी के लिए आपको कहीं न कहीं जवाब देना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *