देहरादून। इस बार विधानसभा चुनाव में दो बेटियां अपने अपने पिता की हार का बदला लेने को चुनावी दंगल में उतरी हैं। कोटद्वार से पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी विधायक ऋतु खंडूड़ी को भाजपा का टिकट मिला है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी को हरिद्वार ग्रामीण से उतारा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी 2012िवधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी से हार गए थे। वहीं 2017 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से भाजपा के स्वामी यतिश्वरानंद से हारे थे। अब इन दोनों सीटों पर बेटियां उतरी हैं, लेकिन टक्कर पिता को हराने वालों से ही है।
2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा खंड़ूडी है जरूरी नारे के साथ मैदान में उतरी। पार्टी ने खंडूड़ी के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन करते हुए 32 सीटें जीती, लेकिन खंडूड़ी कोटद्वार से हार गए। और सरकार कांग्रेस की बनी। खंडूड़ी को हराने वाले सुरेंद्र सिंह नेगी को कांग्रेस ने काबिना मंत्री बनाया। इसके बाद बीसी खंडूड़ी ने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। अब एक बार फिर कोट्दार में खंडूड़ी बनाम सुरेंद्र सिंह नेगी मुकाबला है। फर्क सिर्फ इतना है कि भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी ऋतु भूषण खंडूड़ी प्रत्याशी हैं। भाजपा ने यमकेश्वर विधायक ऋतु को कोटद्वार से उतारा है। ऋतु के लिए जीत की राह आसान नहीं है। पिता को हराने वाले सुरेेंद्र सिंह मजबूत स्थिति में हैं। हालांकि सुरेंद्र 2017 का चुनाव भाजपा के हरक सिंह रावत से हार गए थे।
वहीं हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस ने अनुपमा रावत को उतारा है। अनुपमा पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी हैं। हरीश रावत 2017 में सीएम रहते हुए हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के स्वामी यतिश्वरानंद ने उन्हें करारी मात दी। भाजपा ने सरकार बनाने के बाद यतीश्वरानंद को काबिना मंत्री बनाया। अब कांग्रेस ने हरीश रावत के लालकुआं से चुनाव मैदान में उतरने के बाद उनकी बेटी अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से उतारा है। स्वामी यहां मजबूत स्थिति में हैं, लेकिन अगर अल्पसंख्यक और दलित वोट बैंक में अनुपमा सेंध मार ले तो बाजी पलट सकती है।
अब देखना है कि दोनों बेटियां अपने अपने पिता की हार से सबक लेकर उनके विरोधियों को मात दे पाती हैं या नहीं।