
तालिबान ने सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य कूटनीतिक रिश्ता रखने की बात कही है और साथ ही यह भी वादा किया है कि अफगानिस्तानी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। भारत इन बातों पर फिलहाल भरोसा नहीं करेगा और जमीनी तौर पर तालिबान का क्या रुख होता है इसका इंतजार करेगा।
भारत की भावी रणनीति पूरी तरह से तालिबान के रवैये पर निर्भर करेगी और आगे के हालात की बहुआयामी दृष्टिकोण से समीक्षा के बाद ही कूटनीतिक संबंधों को लेकर फैसला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं।
मंगलवार को भी पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई जिसमें अफगानिस्तान के ताजा हालात की समीक्षा की गई है।