Himachal: हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष की जल्द घोषणा, शिमला संसदीय क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार

शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होने वाली है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संभावित चेहरों से चर्चा पूरी कर ली है और अब केवल औपचारिक घोषणा का इंतजार है। अध्यक्ष पद के लिए शार्टलिस्ट किए गए छह नेताओं में से चार शिमला संसदीय क्षेत्र से हैं। इनमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक कुलदीप राठौर, विधायक विनय कुमार और विधायक विनोद सुल्तानपुरी शामिल हैं।

यदि शिमला संसदीय क्षेत्र से अध्यक्ष बनता है, तो सरकार में समीकरण बदलना तय है। इसके साथ ही कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में भी कई नए चेहरे शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट में पांच मंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र से हैं। इनमें से तीन मंत्री शिमला जिले से हैं, जबकि एक सोलन और एक सिरमौर से हैं। इसी प्रकार, बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर भी शिमला संसदीय क्षेत्र से सबसे अधिक नेता हैं।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट, वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, एपीएमसी शिमला-किन्नौर के अध्यक्ष देवानंद, हिमफेड अध्यक्ष महेश्वर चौहान, हिमुडा उपाध्यक्ष यशवंत छाज्टा, और सीएम के दिल्ली में ओएसडी भी रोहडू से हैं। हाल ही में सिरमौर जिले के पांवटा साहिब निवासी मोहम्मद नासिर रावत को वक्फ बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है।

यदि शिमला जिले से प्रतिनिधित्व की बात करें, तो रामपुर से विधायक नंदलाल को भी कैबिनेट रैंक मिला है, हालांकि रामपुर विधानसभा मंडी संसदीय क्षेत्र में आता है। शिमला जिले से बोर्ड और निगमों में निदेशकों की लंबी सूची है।

संगठन सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाने के लिए राज्य सरकार शिमला संसदीय क्षेत्र से एक मंत्री को ड्राप कर सकती है। यदि शिक्षा मंत्री को अध्यक्ष बनाया जाता है, तो उन्होंने पहले ही मंत्री पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है। चर्चा है कि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल को भी कैबिनेट से ड्राप किया जा सकता है, क्योंकि वे अगला विधानसभा चुनाव अपने बेटे को लड़ाने की योजना बना रहे हैं।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों आते हैं। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी हैं। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील कुमार बिट्टू, नरदेव कंवर, अनिल कपिल हमीरपुर से आते हैं। इसके अलावा भी कई पद हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को मिले हुए हैं। प्रतिनिधित्व में मंडी संसदीय क्षेत्र के पास ज्यादा कुछ नहीं है। किन्नौर से जगत सिंह नेगी सरकार में मंत्री हैं। महिला आयोग अध्यक्ष मंडी संसदीय क्षेत्र से हैं। इसके अलावा बोर्ड व निगम में कुछ प्रतिनिधित्व मिला है।

कांगड़ा भी सबसे बड़ा जिला है। यहां से दो कैबिनेट मंत्रियों के अलावा एक कैबिनेट रैंक चेयरमैन के अलावा बोर्ड व निगमों में भी ताजपोशी हुई है। अध्यक्ष के लिए जो फार्मूला तय किया गया है उसमें जातीय, क्षेत्रीय संतुलन के अलावा संगठन का अनुभव व मजबूत पकड़ रखा गया है। लेकिन जो कार्यकारिणी बनेगी उसमें सभी को अधिमान दिया जाना तय है।

 

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