शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज लोक निर्माण विभाग (PWD) और हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम (HPMC) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसमें शिमला जिले में हाल ही में हुई लगातार बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया गया.
मंत्री ने बताया कि अब तक लगभग 80 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. केवल रोहड़ू सर्कल में, तीन प्रमुख जिला सड़कों और 227 ग्रामीण सड़कों सहित कुल 230 सड़कें प्रभावित हुई हैं. तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से एक पूरी तरह से बह गया. प्रभावित सड़कों में से 203 को बहाल कर दिया गया है, जबकि शेष सड़कों को 4 सितंबर तक चालू करने के प्रयास जारी थे. इस कार्य के लिए 113 जेसीबी, रोबोट, डोजर और टिपर लगाए गए हैं.
मंत्री ने यह भी कहा कि NH-705 को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है, जबकि NH-707 पर बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा था और इसे 4 सितंबर तक चालू कर दिया जाएगा.
HPMC ने मंत्री को बताया कि गुम्मा में 37 में से 31 और जुब्बल में 28 में से 25 संग्रह केंद्र प्रभावित हुए थे, जहां लगभग 80,000 सेब के बक्से फंसे हुए थे. क्षतिग्रस्त सड़कों और लगातार भूस्खलन के कारण सेब के उत्पादन का परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, जिसमें कई बक्से मलबे के नीचे दब गए थे. मंत्री ने बागवानों को हो रही कठिनाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि सेबों के सुचारू परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने विभागों को बहाली कार्यों में तेजी लाने और 178 करोड़ रुपये के पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) फंड का बुद्धिमानी से उपयोग करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों से आवश्यकता पड़ने पर अधिक धन के लिए अतिरिक्त अनुमान तैयार कर प्रस्तुत करने को भी कहा. निविदाओं को तुरंत जारी करने और समयबद्ध तरीके से बहाली कार्यों को पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए.
मंत्री ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की भी अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वह स्वयं स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे थे और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और हर संभव मदद प्रदान करेगी.
बैठक में मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी और एनएच, जीएम एचपीएमसी और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.