शिमला, 23 अगस्त 2025: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान मंडी से मनाली नेशनल हाईवे पर लगने वाले लंबे ट्रैफिक जाम का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। विभिन्न विधायकों ने इस गंभीर समस्या पर चिंता व्यक्त की। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मंडी-मनाली और कमांद सड़क पर यातायात को सुचारु करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) के अधिकारियों से बात की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें विधानसभा में भी बुलाया जाएगा।
शून्यकाल में मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बरसात के दौरान मनाली नेशनल हाईवे पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। इसके कारण सेब से लदी गाड़ियां जगह-जगह फंस रही हैं और सेब समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे बागवानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि मरीजों को भी आवाजाही में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गौड़ ने आपदा से खराब हुई सड़कों को दुरुस्त करने का मामला भी उठाया। इसके साथ ही, उन्होंने कमांद वैकल्पिक मार्ग पर अधिक ट्रैफिक से पैदा हो रहीं दिक्कतों पर भी चिंता जाहिर की और ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की संख्या बढ़ाने की मांग की।
विधायक राकेश जम्वाल ने भी इस समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि किरतपुर-मनाली फोरलेन पर पिछले दो महीने से 60 किलोमीटर तक लंबा जाम एक बड़ी समस्या बन चुका है। उन्होंने बताया कि कुल्लू से मंडी पहुंचने में पहले जहां एक घंटा लगता था, वहीं अब लोगों को देर रात तक पहुंचना पड़ रहा है। जम्वाल ने इस बात पर जोर दिया कि सेब और मटर जैसी कृषि उपज की खेप समय पर मंडियों में नहीं पहुंच रही है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या का पर्यटन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी एनएच पर लंबे जाम की समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि मंडी से कुल्लू तक लोग अव्यवस्था से परेशान हैं। उन्होंने विशेष रूप से औट से पंडोह तक जाम की समस्या को ज्यादा गंभीर बताया और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने स्वीकार किया कि एनएचएआई पर सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि पुलिस को तत्काल कदम उठाने होंगे, जिससे लोगों को राहत मिल सके।
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