संगरूर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाखड़ा बांध पर CISF की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस “तानाशाही” कदम का पुरजोर विरोध करेगी और इस पर होने वाले खर्च का एक पैसा भी केंद्र को नहीं देगी।
मीडिया से बातचीत में मान ने कहा, “केंद्र को एक बात समझ लेनी चाहिए: हमारे पास न तो दूसरे राज्यों के लिए अतिरिक्त पानी की एक बूंद है और न ही गृह मंत्रालय को CISF की अनावश्यक तैनाती के लिए देने के लिए एक पैसा।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस कदम के जरिए राज्य का पानी चुराना चाहती है। मान ने कहा कि केंद्र को पंजाब से अनाज समेत हर चीज चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ वह राज्य के पानी पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पंजाब के योगदान के लिए कोई विशेष पैकेज देने के बजाय राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे को शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के सामने उठाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी पंजाब के खिलाफ है क्योंकि राज्य के लोगों ने कभी उसे वोट नहीं दिया। मान ने कहा कि पंजाब देश के अन्न भंडार में सबसे ज्यादा योगदान देता है और भारतीय सेना में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व करता है, फिर भी केंद्र सरकार राज्य की अनदेखी करती है।
मान ने कहा कि मोदी सरकार “पंजाब विरोधी सिंड्रोम” से ग्रस्त है और राज्य को बर्बाद करने पर तुली है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर बीजेपी की चले तो वह राष्ट्रगान से भी पंजाब का नाम हटा देगी। उन्होंने बीजेपी में शामिल कांग्रेस नेताओं से भी इस मुद्दे पर चुप्पी न तोड़ने और अपना रुख स्पष्ट करने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार संघीय ढांचे और संविधान का सम्मान नहीं करती। उन्होंने कहा कि राज्यपालों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों के कामकाज में रोड़ा अटकाने के लिए किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। मान ने कहा कि पार्टी के ऐसे दमनकारी और तानाशाही कदमों का डटकर विरोध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) केंद्र के हाथों की कठपुतली है और राज्य के हितों को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध पर CISF के 296 जवान तैनात किए जाएंगे, जिस पर राज्य को 8.58 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। मान ने सवाल किया कि जब पंजाब पुलिस मुफ्त में बांध की सुरक्षा कर रही है तो राज्य को BBMB को पैसे क्यों देने चाहिए?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बीजेपी और BBMB की राज्य का पानी चुराने की साजिश है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, मनप्रीत सिंह बादल, रवनीत सिंह बिट्टू समेत तमाम बीजेपी नेताओं को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
मान ने कहा कि पहले क्रेडिट लिमिट घटाई गई, फिर RDF फंड रोका गया और अब यह तानाशाही कदम। उन्होंने केंद्र पर गैर-भाजपा राज्य सरकारों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्यों को अपना जायज धन पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते आतंकवाद और नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन इसके लिए उससे भारी शुल्क मांगा जाता है। उन्होंने कहा कि दीनानगर (पठानकोट) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने अर्धसैनिक बलों को भेजने के लिए राज्य से 7.5 करोड़ रुपये मांगे थे। मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और अतार्किक है क्योंकि जिस राज्य के सबसे ज्यादा बेटे देश की सेवा करते हुए शहीद होते हैं, उसे यह फीस चुकानी पड़ती है।
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