मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने पर ज़ोर दिया है। कृषि विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस और समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए।
किसानों को मिलेगी मदद:
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग, JICA और ATMA के सभी अधिकारी किसानों तक पहुंचें और उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करें, साथ ही इसके प्रमाणन में भी सहायता प्रदान करें। उन्होंने प्राकृतिक खेती पहल के तहत किसानों के पंजीकरण के लिए पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी।
APMC की भूमिका:
सुक्खू ने APMC अध्यक्षों को इस दिशा में किसानों को प्रोत्साहित और सहायता करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी APMC को प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं, मक्का और कच्ची हल्दी की खरीद के लिए उच्च स्तरीय साइलो स्थापित करने के लिए भी कहा। प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है और राज्य सरकार किसानों को उनके उत्पाद के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दे रही है। उन्होंने कृषि विभाग को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मॉडल फार्म:

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खेतों को मजबूत करने के प्रयास में, कृषि विभाग ने तीन मॉडल फार्म विकसित किए हैं: कांगड़ा जिले में भट्टू फार्म, सिरमौर जिले में भगानी और सोलन जिले में बैरटी-बोच। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ऐसे और मॉडल फार्म स्थापित किए जाएंगे।
CA स्टोर:
सुक्खू ने राज्य भर में CA स्टोर के निर्माण की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये CA स्टोर किसानों और बागवानों को उनकी कड़ी मेहनत का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से मंडी जिले के सुंदरनगर, शिमला जिले के अन्नु (जुब्बल), चोपाल, सुंदासु, खड़ापत्थर, दत्तनगर और ढली, कांगड़ा जिले के कंडरौरी और सुलाह, सोलन जिले के जबली और किन्नौर जिले के भवनगर में CA स्टोर स्थापित कर रही है और राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 330 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
JICA परियोजना:
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 12 जिलों में 1010 करोड़ रुपये के परिव्यय से कार्यान्वित की जा रही JICA परियोजना की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की विभिन्न चल रही परियोजनाओं का भी जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चंदर कुमार, विधायक चंदर शेखर, सचिव कृषि सी. पॉलरासु, निदेशक कुमुद सिंह और विभिन्न APMC के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
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