चंडीगढ़, 5 मई: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में शुरू किया गया ‘युद्ध नशਿਆं विरुद्ध’ अभियान अपने निर्णायक दौर में पहुंच गया है। नशे के खिलाफ इस जंग में, कैबिनेट मंत्रियों ने आज ज़िला और गांव स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का नेतृत्व किया और ग्राम रक्षा समितियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर प्रयासों को मज़बूत किया।
मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मान सरकार ने नशा तस्करों के हौसलों को तोड़ा है और उनकी अवैध संपत्तियों को भी ध्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि यह पिछली सरकारों के रवैये से बिल्कुल अलग है, जिन्होंने नशा तस्करी को फलने-फूलने दिया था।
पटियाला में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने अभियान का नेतृत्व किया। प्रशासनिक सुधार मंत्री अमन अरोड़ा और कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बठिंडा में सभाओं को संबोधित किया। सूचना और जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस शहीद भगत सिंह नगर में थे; एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक और स्थानीय निकाय मंत्री रवजोत सिंह गिल ने पठानकोट में कार्यक्रम आयोजित किए। परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत गुरदासपुर में थे; बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियान अमृतसर में; ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद और महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर मलेरकोटला में; और जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल फाजिल्का में मौजूद रहे।
मंत्रियों ने नागरिकों से ‘युद्ध नशਿਆं विरुद्ध’ अभियान को एक जन आंदोलन बनाने का आग्रह किया, जिससे पंजाब भारत का पहला नशा मुक्त राज्य बन सके। उन्होंने सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति की पुष्टि करते हुए चेतावनी दी कि किसी भी अपराधी – चाहे वह राजनेता हो, नौकरशाह हो या तस्कर – को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा, “पंजाब योद्धाओं की भूमि है और इसके लोग नशे के खिलाफ इस युद्ध का दृढ़ता से समर्थन कर रहे हैं।”
इस अवसर पर, मंत्रियों ने बीबीएमबी मुद्दे पर मुख्यमंत्री मान के कड़े रुख की भी प्रशंसा की और उन्हें पंजाब के जल अधिकारों का सच्चा रक्षक बताया।
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