नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस पर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की एक टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया है। शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा को ‘मोटा’ कहकर उनके वजन कम करने की सलाह दी, साथ ही उनकी कप्तानी को ‘बेअसर’ भी करार दिया। इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है, जबकि कांग्रेस ने शमा मोहम्मद के बयान से किनारा कर लिया है।
शमा मोहम्मद का विवादास्पद बयान:
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सार्वजनिक रूप से रोहित शर्मा की फिटनेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक खिलाड़ी के तौर पर वे मोटे हैं और उन्हें अपना वजन कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने रोहित की कप्तानी को भी निशाने पर लेते हुए उसे ‘बेअसर’ बताया। हालांकि, बाद में शमा मोहम्मद ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सामान्य तरीके से अपनी बात कही है, लेकिन तब तक बवाल मच चुका था।
कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला, ट्वीट डिलीट करने के दिए निर्देश:
शमा मोहम्मद के बयान से तुरंत दूरी बनाते हुए कांग्रेस ने इस बयान को पार्टी लाइन से अलग बताया। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद द्वारा क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी पर की गई टिप्पणी, पार्टी के आधिकारिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उस ट्वीट को डिलीट करने के निर्देश दिए गए हैं और भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पवन खेड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी खेल जगत के खिलाड़ियों के योगदान को बहुत महत्व देती है और ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती जिससे उनकी छवि पर प्रभाव पड़े।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना:
शमा मोहम्मद के बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए! अब वे भारतीय क्रिकेट कप्तान के पीछे पड़ गए हैं! क्या वे उम्मीद करते हैं कि भारतीय राजनीति में विफल होने के बाद राहुल गांधी अब क्रिकेट खेलेंगे?” वहीं, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “रोहित शर्मा की कप्तानी पर वे सवाल उठा रहे हैं जो राहुल गांधी की कप्तानी में 90 चुनाव हार चुके हैं। जिनकी कप्तानी में उन्हें दिल्ली में छह बार डक मिला है। अपने डक को संभालो। अपने कप्तान को संभालो।”
खेल और राजनीति का घालमेल:
यह घटना खेल और राजनीति के आपस में घुल-मिल जाने का एक ताजा उदाहरण है। जहां एक ओर खेल भावना और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक होता है, वहीं दूसरी ओर राजनीति में अक्सर आरोप-प्रत्यारोप और विवाद देखने को मिलते हैं। शमा मोहम्मद का बयान, चाहे अनजाने में ही दिया गया हो, इस बात को दर्शाता है कि किस तरह राजनीतिक दल खेल जगत की हस्तियों को भी अपने राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल करने से नहीं चूकते।
रोहित शर्मा का प्रदर्शन:
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के एक सफल कप्तान रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण जीत हासिल की हैं। हालाँकि, हाल के कुछ समय में टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है, जिसकी वजह से उनकी कप्तानी पर सवाल उठने लगे हैं। फिर भी, उनकी फिटनेस पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करना उचित नहीं ठहराया जा सकता, खासकर एक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा।
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