हरदा पर हरक का वार, कहा-‘मुझे फंसाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल किया गया’

मार्च 2016 के घटनाक्रम के बाद हरीश रावत करीब 8 महीने सीएम रहे। तब सीएम ने उनके दफ्तर पर खुद ताला लगाया। सहसपुर की जमीन की एसआईटी जांच कराई। अगर मैं कहीं भी गलत होता तो हरीश रावत मुझे जेल में डलवा देते। हरक ने कहा कि महिलाओं के जरिए उन पर चरित्र हनन के आरोप लगाने का षड्यंत्र भी रचा गया। राजनीति में बदले की भावना में कोई इतना नीचे गिरकर इस तरह के षड्यंत्र करे तो यह ठीक नहीं है। हरक ने कहा कि जब संघर्ष की गाथा लिखी जाएगी तो उनका योगदान भी कमतर नहीं है। विकास के मामले में उन्होंने कभी कोई भेदभाव नहीं किया। न कभी गढ़वाल व कुमाऊं की भावना को मन में आने दिया। 4 जिले और 8 तहसीलें बनवाईं। हरीश रावत ने उन पर व्यक्तिगत चरित्र हनन के आरोप लगवाने तक के लिए षड्यंत्र रचा था। इस तरह का आदमी अगर हमें पापी और अपराधी कहता है तो दुख होता है। आपको बता दें कि साल 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में हरक सिंह रावत भी शामिल थे। हरीश रावत सरकार को गिराने में हरक ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

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