Uttarakhand: निकहत ने सुनाई संकल्प से शिखर छूने की दास्तान

खबरें सुने
  • टाॅप महिला बाॅक्सर ने कहा-सफल राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड की उपलब्धि
  • -मौली संवाद काॅन्क्लेव में खुलकर की शुरुआती कठिनाइयों की बातें
  • -पेरिस ओलंपिक की हार को पीछे छोड़ा, अब लाॅॅस एंजिल्स पर ध्यान

निकहत जरीन का हिंदी अर्थ खुशबू और स्वर्ण होता है। बाॅक्सिंग में दो बार की वर्ल्ड चैंपिपन निकहत जरीन ने अपनी स्वर्णिम सफलताओं से जो यश पाया है, उसकी खुशबू देश-दुनिया ने महसूस की है। भले ही रहने वाली तेलंगाना की निजामाबाद की हैं, लेकिन उनका मन कहीं पहाड़ों में बसता है। उत्तराखंड उन्हें बेहद पसंद है। निकहत जरीन राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को उत्तराखंड की बड़ी उपलब्धि मानती हैं। कहती हैं-उत्तराखंड ने सफल आयोजन किया है। इससे अन्य छोटे राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।
निकहत देश की टाॅप महिला मुक्केबाज है। वर्ष 2022 के बर्मिघम के काॅमनवेल्थ खेलों में भी स्वर्ण जीत चुकी है। बुधवार को राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आयोजित हो रहे मौली संवाद काॅन्क्लेव में वह शरीक हुईं। इस दौरान अपने संकल्प से शिखर तक पहुंचने की दास्तान को उन्होंने खुद बयां किया।

पंच खाने से लेकर मारने तक की कहानी
-निकहत ने बताया-निजामाबाद जैसे छोटी जगह पर बाॅक्सिंग खेलने वाली वह पहली लड़की थी। पिता खिलाड़ी थे, तो दुनिया की बातों की परवाह नहीं की और उतार दिया मैदान में। लड़कों के साथ बाॅक्सिंग की। खूब पंच खाए। लहूलुहान होकर एक दिन घर पहुंची तो मां की चीख निकल गई। मगर बाद सब को महसूस हो गया कि संघर्ष का ये रास्ता ही शिखर तक ले जाएगा। जिनसे शुरू में मैने पंच खाए, उन्हें बाद में खूब पंच भी मारे।

पढ़ाई में पीछे, खेल में निकल गई आगे
-स्कूली बच्चों और खिलाड़ियों से संवाद करते हुए निकहत ने बताया-पढ़ाई में पीछे रही हमेशा। मगर खेलों पर केंद्रित थी। उन्होंने स्कूली बच्चों से कहा-खेलते हो, तो खूब खेलो, लेकिन पढ़ना भी जरूरी है। अपना उदाहरण देकर उन्होंने कहा-यदि मैने ग्रेजुएशन नहीं की होती, तो क्या मैं तेलंगाना पुलिस में डीएसपी हो सकती थी।

इससे पहले मसूरी आ चुकी है निकहत
-निकहत जरीन उत्तराखंड दूसरी बार आई हैं। एक बातचीत में उन्होंने बताया कि वह कुछ समय पहले मसूरी आई थी, लेकिन खराब मौसम के कारण पूरा लुत्फ नहीं ले सकी थीं। दून पहली बार आई हैं। पहाड़ की प्रेमी हैं। बताती हैं-पेरिस ओलंपिक में मेडल न आने पर जब मायूस हुई, तो जम्मू कश्मीर के पहाड़ों में चली गई थीं। निकहत कहती हैं-अब लाॅस एंजिल्स पर मेरी निगाहें हैं। पेरिस की हार को पीछे छोड़ दिया है।

स्कूली बच्चों को सिखाए बाॅक्सिंग के गुर
-निकहत से काॅन्क्लेव के दौरान बाॅक्सिंग खेलने वाले बच्चों ने बाॅक्सिंग के गुर भी सीखे। उन्होंने खेलते वक्त अपनी दिक्कतें सामने रखीं, जिसका निकहत ने समाधान दिया। काॅन्क्लेव के दौरान ही उत्तराखंड सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त(मुख्यालय) जीसी कंडवाल ने सुरक्षित आहार पर जरूरी बातें सांझा की। निकहत ने बच्चों से इन बातों का पालन करने की अपील की। काॅन्क्लेव में प्रमुख रूप से जी राजारमन, मिमिका चौधरी उपस्थित थे।

 

PLs read:Uttarakhand: क्रिटिकल मिनरल की खोज को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कसी कमर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *