शिमला: हिमाचल प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की श्रेणी में शामिल होने वाले परिवारों की वार्षिक आय सीमा 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई है। यह महत्वपूर्ण फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
इन परिवारों को मिलेगा BPL का लाभ:
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जिन परिवारों में 18 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं है।
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महिला मुखिया वाले परिवार।
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50% या अधिक दिव्यांगता वाले परिवार।
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मनरेगा के तहत पिछले वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिन काम करने वाले परिवार।
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कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित सदस्य वाले परिवार।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
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हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाएगा।
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अन्य राज्यों के लोगों द्वारा जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी 8% से बढ़ाकर 12% की गई।
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5 मेगावाट से अधिक की जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं का आवंटन और निगरानी ऊर्जा विभाग को सौंपी गई।
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नालागढ़ में 1 मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना को मंजूरी।
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तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र घोषित किया गया।
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नशे के खिलाफ लड़ाई के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन।
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HPPSC के लिए 10 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (IT) के पद सृजित।
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पंप स्टोरेज आधारित विद्युत परियोजनाओं पर ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट चार्ज लगाने का फैसला।
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राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सेवा विस्तार।
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खैर, सफेदा, पॉपलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध।
BPL मुक्त पंचायतों से भी आए आवेदन:
राज्य में 2.82 लाख परिवारों के लिए BPL कोटा निर्धारित है, जिसमें से 2.65 लाख परिवार पहले से ही शामिल हैं। प्रदेश की 38 पंचायतें BPL मुक्त हैं, लेकिन इस बार इन पंचायतों से भी BPL में शामिल होने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
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