खनौरी (संगरूर): खनौरी बॉर्डर पर पिछले 44 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को ऐलान किया कि अब वह किसी से नहीं मिलेंगे. इसमें अधिकारी, राजनेता, परिवार और उनके शुभचिंतक सभी शामिल हैं. यह ऐलान भाकियू सिद्धूपुर के नेता काका सिंह कोटड़ा ने डल्लेवाल की तरफ़ से खनौरी बॉर्डर पर किया.
4 जनवरी से बिगड़ी तबीयत:
कोटड़ा ने बताया कि 4 जनवरी को महापंचायत में शामिल होने के बाद से डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है. उन्हें बैठने और करवट लेने में भी तकलीफ़ हो रही है. किसी से बात करने पर उनकी साँस फूलने लगती है, इसलिए उन्होंने अब किसी से न मिलने का फैसला लिया है.
अखिलेश यादव ने किया फ़ोन:
समाजवादी पार्टी के नेता हरिंदर मलिक डल्लेवाल से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाक़ात नहीं हो पाई. मलिक पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का संदेश लेकर आए थे. डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए अखिलेश यादव ने काका सिंह कोटड़ा से फ़ोन पर बात की और कहा कि वे सभी राजनीतिक दलों से बात करके एमएसपी गारंटी क़ानून पर एकजुटता बनाने की कोशिश करेंगे.
डॉक्टरों की चिंता:
डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टर अवतार सिंह ने बताया कि 4 जनवरी से ही उन्हें पानी भी हज़म नहीं हो रहा है और उल्टियाँ हो रही हैं. उन्हें हिलाना-डुलाना भी मुश्किल हो रहा है. उनके पैरों को ऊँचा रखा गया है ताकि दिमाग़ तक रक्त संचार सुचारू रहे. रक्त संचार प्रभावित होने पर उनका ब्लड प्रेशर गिर जाता है और वे बेहोश हो सकते हैं.
केंद्र सरकार पर निशाना:
किसान नेताओं अभिमन्यु कोहाड़ और सुखजिंदर सिंह खोसा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसानों का संघर्ष और डल्लेवाल का अनशन दिखाई नहीं दे रहा है. उन्होंने सरकार से किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की.
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