62 लाख रुपये ठगी के मामले में डीजीपी ने दिए जांच के आदेश

देहरादून। मुजफ्फरनगर व यमुनानगर के 10 युवकों के साथ सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर हुई 62 लाख की ठगी के मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने गंभीरता से जांच के आदेश जारी किए हैं। आदेश मिलने के बाद पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। विवेचना के बाद ही पता लगेगा कि आरोपितों के साथ कौन-कौन शामिल है।

आरोपित चेतन पांडे ने खुद को देहरादून में सूचना अधिकारी, कमल किशोर पांडेय ने प्रशासनिक अधिकारी, ललित बिष्ट ने सचिवालय में सचिव और मनोज नेगी ने खुद को अपर सचिव बताकर ठगी की। आरोपितों ने ठगी का शिकार हुए युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने ठगी का शिकार हुए प्रत्येक युवा से नौकरी के लिए 10-10 लाख में मांगे थे। जिनमें एडवांस के तौर पर पीडि़तों ने उन्हें अपने हिस्से के साढ़े तीन लाख से सात लाख तक की रकम दे दी थी। यह रकम आरोपितों ने नकद ली थी। विश्वास दिलाने के लिए आरोपितों ने पीडि़तों को 10 खाली चेक दिए थे, लेकिन जब नौकरी नहीं लगी तो युवकों ने ये चेक बैंक में लगाए जो बाउंस हो गए। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि आरोपित कहां-कहां नौकरी करते हैं। सचिवालय में उनका संपर्क किसके साथ है। पुलिस भी इस बात से हैरान है कि आखिर आरोपित ठगी के शिकार युवकों को सचिवालय के अंदर कैसे लेकर चली गई। जबकि सचिवालय में बिना जांच के किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं होती। इसके अलावा ऐसा कौन सा कार्यालय था, जहां पर युवकों का इंटरव्यू लिया गया। मामले की जांच कर रहे एसआइ कुंदन राम ने बताया कि जांच के बाद ही मामले में कई परतें खुलकर सामने आएंगी।

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