नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 18 दिसंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर सबको चौंका दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के ड्रॉ पर समाप्त होने के कुछ ही मिनट बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह घोषणा की। अश्विन ने अपनी सफलता का श्रेय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिया, जिन्होंने उनके करियर को नई दिशा दी।
अश्विन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 287 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 765 विकेट झटके। इसके साथ ही वे टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले हैं, जिनके नाम 953 विकेट दर्ज हैं।
धोनी ने बदली अश्विन की किस्मत:
अश्विन ने कई बार सार्वजनिक रूप से धोनी को अपनी सफलता का श्रेय दिया है। उन्होंने बताया कि 2011 के आईपीएल फाइनल में धोनी ने उन्हें नई गेंद थमाई थी, जबकि सामने विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल थे। अश्विन ने गेल का विकेट लेकर मैच का रुख मोड़ दिया था और चेन्नई सुपर किंग्स को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अश्विन का मानना है कि इसी मैच ने उनके करियर को एक नई दिशा दी।
अश्विन ने कहा, “धोनी ने मुझे जो दिया, उसके लिए मैं जीवन भर उनका कर्जदार रहूंगा। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे मौके दिए।” उन्होंने आगे कहा कि धोनी ने उन्हें नई गेंद थमाकर जो आत्मविश्वास दिया, वह उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
आईपीएल से चमका सितारा:
अश्विन को 2008 में चेन्नई सुपर किंग्स ने स्थानीय स्पिनर के तौर पर अपनी टीम में शामिल किया था। हालांकि, उस सीजन में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि टीम में पहले से ही दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन मौजूद थे। लेकिन अश्विन ने हार नहीं मानी और अपने खेल में निखार लाते रहे। उनके प्रदर्शन ने धोनी का ध्यान खींचा और उन्हें टीम में जगह मिली।
आईपीएल में अश्विन ने अब तक 212 मैचों में 180 विकेट हासिल किए हैं।
अश्विन का अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन:
देश | मैच | विकेट |
न्यूजीलैंड | 26 | 91 |
श्रीलंका | 38 | 108 |
वेस्टइंडीज | 39 | 103 |
ऑस्ट्रेलिया | 50 | 146 |
इंग्लैंड | 53 | 150 |
अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को एक बड़ी कमी खलेगी। उनकी फिरकी और रणनीतिक समझ ने कई मैचों में भारत को जीत दिलाई है। भले ही अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी उपलब्धियां हमेशा याद रखी जाएंगी।
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