पीटीआई: अमेरिकी चुनाव में अब सिर्फ़ नौ दिन बचे हैं, और डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। चुनाव में इमिग्रेशन एक अहम और विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। भारत और अन्य देशों के कई आप्रवासियों को डर है कि अगर ट्रंप जीतते हैं तो कार्रवाई होगी।
अपने भाषणों में ट्रंप ने वॉशिंगटन की इमिग्रेशन नीति को सख्त करने के लिए आमूलचूल बदलाव का वादा किया है। साथ ही बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के सबसे बड़े निर्वासन अभियान को अंजाम देने की कसम खाई है।
पाकिस्तान सहित विभिन्न प्रवासी समुदायों के बीच चिंताएं
चुने जाने पर मौजूदा शरणार्थी कार्यक्रमों की समीक्षा की भी बात उन्होंने कही है। अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों के बच्चों के लिए जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का भी संकल्प लिया है, जिससे भारत, बांग्लादेश, और पाकिस्तान सहित विभिन्न प्रवासी समुदायों के बीच चिंताएं पैदा हो गई हैं। कई लोग इसे लेकर ट्रंप की आलोचना भी कर रहे हैं।
हैरिस ने अवैध इमिग्रेशन को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया, ट्रंप ने तीसरे विश्व युद्ध को रोकने की कसम खाई
वहीं, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अवैध इमिग्रेशन को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि इमिग्रेशन सिस्टम टूट गया है और इसे ठीक करने के लिए विधायी उपायों की आवश्यकता है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में उपराष्ट्रपति हैरिस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह निर्वाचित हुईं, तो तीसरा विश्व युद्ध कराएंगी। वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे वैश्विक नेताओं से निपटने में अप्रभावी साबित होंगी। ट्रंप ने तीसरे विश्व युद्ध को रोकने की कसम खाई और दावा किया कि देश इसके इतना करीब कभी नहीं रहा। उन्होंने डेट्राइट में मुसलमानों के एक समूह से मुलाकात की और तर्क दिया कि वह मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन के हकदार हैं, क्योंकि वह संघर्षों को समाप्त करेंगे और पश्चिम एशिया में शांति लाएंगे।
क्या कहता है सर्वे?
अमेरिका में इस बार का राष्ट्रपति चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। ये हम नहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज का एक सर्वे बता रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, लेकिन अंतिम राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों की लोकप्रियता चरम पर है। लोकप्रिय वोट में दोनों 48 प्रतिशत की बराबरी पर हैं और इसी कारण यह मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है।
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