उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीएम केदारनाथ दौरे पर घोषणाओं की झड़ी लगा रहे हैं जो केवल चुनावी रेवड़ियां हैं और असल में भाजपा और सीएम धामी को क्षेत्र की जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी धार्मिक यात्राओं के दौरान उत्तराखंड में जनता को छलते रहे हैं और अब धामी भी कोरी घोषणाओं से जनता की भावनाओं से खेल रहे हैं। उन्होंने सीएम से सवाल किया कि अगर उन्हें केदारनाथ की इतनी चिंता है तो उन्हें बताना चाहिए कि भगवान शंकर के ज्योतिर्लिंग से 230 किलो सोने की चोरी की जांच का क्या हुआ?
माहरा ने कहा कि सीएम की मौजूदगी में नई दिल्ली में केदारनाथ से शिला लेजाकर मंदिर के निर्माण की इजाजत किसने दी? मंदिर निर्माण स्थगित होने पर जो चंदा आया है वो मंदिर समिति के खाते में क्यों नहीं आया? उन्होंने सवाल किया कि सीएम द्वारा दिल्ली ले जाई गई शिला अभी तक केदारनाथ वापस क्यों नहीं आई?
माहरा ने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा के नेता जनता की धार्मिक भावनाओं से खेलना शुरू कर देते हैं। अब वही काम धामी कर रहे हैं और केदारनाथ विधानसभा में उपचुनाव को लेकर चुनावी रेवड़ियां बांटने लगे हैं। उन्होंने पूछा कि आज से पहले केदारनाथ में विधायक नहीं था? या सीएम केदारनाथ क्षेत्र की जनता के मुख्यमंत्री नहीं थे?
माहरा ने कहा कि सीएम और भाजपा के नेता सोने की चोरी के मामले में जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा सुरक्षा कर्मियों की मांग करने के बाद सोने की चोरी का खुलासा हुआ तो भाजपा के नेता 230 किलो सोने को 23 किलो में बदल देते हैं।
माहरा ने सवाल किया कि सीएम के पास इस बात का जवाब है कि 230 किलो सोने की चोरी के मामले में उन्होंने सरकार का मुखिया होने के नाते क्या कार्रवाई की? उन्होंने कहा कि बीकेटीसी के अध्यक्ष द्वारा मांगी गई सुरक्षा पर उन्हें जनता को सच्चाई बतानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने 230 किलो सोना होने का बयान दिया।
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