Uttarakhand: मुख्य सचिव ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कार्रवाई का आदेश दिया – The Hill News

Uttarakhand: मुख्य सचिव ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कार्रवाई का आदेश दिया

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मुख्य सचिव राधा रतूडी ने महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रदेशभर में 4 अक्टूबर से अगले 15 दिन तक अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत गर्भवती महिलाओं, निर्माण स्थलों में काम करने वाली गर्भवती महिला श्रमिकों, घरेलू नौकरों और शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) में पंजीकरण कराने के निर्देश दिए हैं।

सीएस ने निर्धारित समय सीमा के भीतर असंगठित क्षेत्र में कार्यरत विशेष रूप से कम आय वर्ग की सभी गर्भवती महिलाओं की पीएमएमवीवाई की शत् प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने श्रम विभाग को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की समीक्षा करने के लिए कहा है। सीएस ने सचिव शहरी विकास को शहरी निकायों में कार्यरत कर्मचारियों, खासकर कम आय वर्ग वाले कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों को ईएसआई कवरेज सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठक करने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को एएनएम द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं के तीन एएनसी अनिवार्यतः करने तथा गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु का अनिवार्य रूप से डेथ ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्रों, विशेषकर मलिन बस्तियों और निर्माण स्थलों के निकट आंगनबाड़ियों की मैपिंग के निर्देश दिए हैं ताकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण और कम वजन की समस्या का समाधान हो सके और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं और विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके। मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को वितरित किए जाने वाले टेक होम राशन के तहत मिलेट्स को प्रोत्साहित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सचिवालय में एसडीजी इंडेक्स 2023-24 के तहत महिला एवं बाल विकास और श्रम विभाग से सम्बन्धित कम प्रदर्शन वाले इंडिकेटर्स की समीक्षा बैठक के दौरान उक्त इंडिकेटर्स में सुधार के लिए महिला एवं बाल विकास और श्रम विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के युक्तिकरण के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने राज्य में मातृ मृत्यु दर, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने के लिए सभी विभागों को समन्वित रणनीति से कार्य करने की हिदायत दी है।

 

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