नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया। इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
पीएम ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर कई खास बातें बोलीं। उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक संकट सहित कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। आइए, जानें पीएम के भाषण की 10 बड़ी बातें…
-
सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण: लाल किले के प्राचीर से यह पीएम मोदी का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण था, जो 98 मिनट का था। मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण औसतन 82 मिनट के होते हैं। यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य प्रधानमंत्री से ज़्यादा लंबा भाषण था।
-
बांग्लादेश पर चिंता: पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द ही सुधरेंगे, साथ ही उन्होंने वहां हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता भी जताई। मोदी ने कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के विकास और तरक्की का समर्थन करेगा।
-
समान नागरिक संहिता पर जोर: पीएम ने अपने संबोधन में देश में समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि देश में कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड चाहिए।
-
महिला सुरक्षा पर चिंता: मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए दी जाने वाली सजाओं का व्यापक प्रचार करने की जरूरत है, ताकि परिणाम का डर बना रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास मॉडल” पर काम किया है, लेकिन वे अभी भी महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।
-
कृषि क्षेत्र में सुधार पर जोर: मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर भी जोर दिया और देश में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि देश के किसान भारत को दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बना सकते हैं क्योंकि यह अपने विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
-
मेडिकल सीटों में इजाफा: मोदी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 और मेडिकल सीटें बनाई जाएंगी।
-
प्रगति को बर्दाश्त न करने वाले: प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक ही संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं वो है विकास, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो। वे अराजकता चाहते हैं। देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है।
-
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई: मोदी ने भ्रष्टाचार और इसके महिमामंडन पर चिंता व्यक्त की और इसे समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि मुझे इस लड़ाई की कीमत चुकानी होगी, मेरी प्रतिष्ठा दांव पर लग सकती है, लेकिन राष्ट्रीय हित व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से अधिक महत्वपूर्ण हैं।”
-
वैश्विक आयोजन की क्षमता: मोदी ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर वैश्विक आयोजन करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
-
विकास का संकल्प: मोदी ने अपने भाषण में एक बार फिर विकास पर जोर देते हुए कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा।