Uttarakhand: त्रिवेंद्र की PM मोदी से मुलाक़ात ने बढ़ाई हलचल – The Hill News

Uttarakhand: त्रिवेंद्र की PM मोदी से मुलाक़ात ने बढ़ाई हलचल

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नई दिल्ली में बरसात के मौसम में राजनीतिक मुलाक़ातों की फुहारें चल रही हैं और उत्तराखंड के नेता भी इस बारिश में भीगने के लिए दिल्ली पहुँच गए हैं। दो दिन पहले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के बाद गुरुवार को पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की। इसी दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर जल संसाधन मंत्रालय की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुँचे।

सुबह 11 बजे हुई मुलाक़ात में पीएम मोदी ने त्रिवेंद्र से प्रदेश की आपदा और विकास योजनाओं पर चर्चा की। त्रिवेंद्र ने पीएम को पिरूल से बनी वस्तु भेंट की। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने त्रिवेंद्र से राजनीतिक मुद्दों के अलावा केदारनाथ उपचुनाव के संभावित प्रत्याशी के बारे में भी बातचीत की।

गौरतलब है कि मार्च 2021 में त्रिवेंद्र को अचानक सीएम पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बाद में भाजपा नेतृत्व ने त्रिवेंद्र से 2022 के विधानसभा चुनाव न लड़ने का पत्र लिखवाया था, जिसके कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए। राज्यसभा में भी त्रिवेंद्र को नहीं भेजा गया, बल्कि कल्पना सैनी को उम्मीदवार बनाया गया और बाद में महेंद्र भट्ट को भी राज्यसभा भेजा गया।

तीन साल तक राजनीतिक वनवास के बाद, भाजपा ने त्रिवेंद्र को हरिद्वार लोकसभा चुनाव लड़वाया। चुनाव जीतने के बाद त्रिवेंद्र को संजीवनी मिली और उन्होंने पीएम मोदी को राज्य के विभिन्न मुद्दों पर फीडबैक दिया।

इन दिनों उत्तराखंड के प्रमुख नेताओं का पीएम मोदी सहित अन्य प्रमुख नेताओं से मिलने का सिलसिला जारी है। जुलाई के आखिर में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाक़ात के बाद भाजपा की राजनीति में कई चर्चाएँ शुरू हो गई थीं। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और गणेश जोशी भी गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं।

वर्तमान में उत्तराखंड में आपदा का साया मंडरा रहा है और प्रदेश में निकाय और केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी सरगर्मी जारी है। बदरीनाथ हारने के बाद पार्टी नेतृत्व केदारनाथ में भाजपा मूल के उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है। इसके लिए हाईकमान वरिष्ठ नेताओं से सलाह-मशविरा कर रहा है।

हाल ही में तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में थोपे और बाहरी प्रत्याशियों को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी और पार्टी नेतृत्व को संभावित खतरे से आगाह किया था। उनके इस बयान का इशारा करतार सिंह भड़ाना और कांग्रेस से आए राजेन्द्र भंडारी की ओर था। तीरथ के बयान के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के नेताओं से सरकार और विपक्ष के गुण-दोषों के अलावा विभिन्न मुद्दों पर राय ले रहा है। इन रायों के आधार पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा

 

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