शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्य रात्रि को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लोग लापता हैं।
सबसे ज़्यादा प्रभावित: रामपुर उपमंडल के सरपारा पंचायत के समेज गांव में लगभग 25 लोग लापता हैं।
शवों की बरामदगी: मंडी के राजभान गांव से नौ शव, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन शव तथा शिमला जिले के समेज, धड़कोल, ब्रो और सुन्नी बांध के आसपास के इलाकों से 10 शव बरामद किए गए हैं।
तलाशी अभियान जारी: लगभग 85 किलोमीटर क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है, लेकिन लगातार बारिश के बीच तलाशी और बचाव अभियान को बुधवार को सात दिन हो गए हैं और लापता हुए लगभग 30 लोगों के परिवार के सदस्यों की उम्मीदें टूटने लगी हैं।
सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है: करम सिंह, एनडीआरएफ के सहायक कमांडिंग अधिकारी ने बताया कि सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन भी हो रहा है।
10 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान: स्थानीय मौसम कार्यालय ने बुधवार और शनिवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले पांच से छह दिनों में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने और बड़े पैमाने पर बारिश होने की संभावना जताई है।
100 से अधिक सड़कें बंद: हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है और राज्य में 100 से अधिक सड़कें बंद हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट: मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर की बाढ़ की चेतावनी भी दी है।
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