
हिमाचल प्रदेश सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते राज्य सरकार को वित्त वर्ष के पहले महीने में ही ऋण लेना पड़ा है। सरकार 500 करोड़ का ऋण लेगी, यह ऋण 10 साल की अवधि के लिए होगा।
वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने अब तक 2900 करोड़ का ऋण उठाया है, जिसके बाद इस 500 करोड़ के ऋण को शामिल करने के बाद यह कुल 3400 करोड़ तक पहुंच जाएगा। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार 6200 करोड़ का ऋण उठाने की योजना बना रही है।
यह पहला मौका है जब सरकार को वित्त वर्ष के पहले महीने में ही ऋण लेना पड़ा है। आमतौर पर सरकार जुलाई माह से ऋण लेना शुरू करती थी। आज वित्त विभाग ने खुले बाजार से ऋण लेने के लिए आवेदन किया है।

केंद्र सरकार ने राज्य के लिए दिसंबर माह तक 6200 करोड़ का ऋण लेने की सीमा निर्धारित कर रखी है। ऋण की सीमा पर अंकुश लगने के कारण प्रदेश सरकार ऋण की सीमा को बढ़ाने का मामला वित्त मंत्रालय के समक्ष उठा चुकी है। दिसंबर के बाद वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में सरकार के सामने संकट की स्थिति रहेगी।
ऋण की सीमा कम होने के कारण सरकार को कम ऋण उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बजट अनुमान के अनुसार इस वित्त वर्ष के अंत में ऋण की कुल धनराशि 94 हजार करोड़ पहुंचेगी।
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