Uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम धामी को मिला डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति सम्मान – The Hill News

Uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम धामी को मिला डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति सम्मान

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मुंबई, 11 जून 2023: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रविवार को मुंबई में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए दिया गया।

दादर, वेस्ट मुंबई में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस एवं उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम यू.सी.सी. लागू किए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सम्मान समारोह’ में सीएम धामी को यह सम्मान प्रदान किया गया।

सीएम धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत की एकता और अखंडता को समर्पित कर दिया। उन्होंने भारतीय जन संघ के रूप में जो बीज बोया वह आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने है। उनका जीवन हमें देश सेवा में समर्पण की याद दिलाता है।

सीएम धामी ने आगे कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हमेशा समानता, एकता और न्याय का समर्थन किया। उन्होंने देश को एक विधान, एक प्रधान और एक निशान का मंत्र दिया। उन्होंने अपने विचारों से एक शक्तिशाली समृद्ध भारत के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

यूसीसी: एक ऐतिहासिक कदम

सीएम धामी ने कहा कि आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा होते सभी देशवासी देख रहे हैं। आज देश में समान नागरिक अधिकार पर कार्य हो रहा है। कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करना भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

उत्तराखंड में, सरकार ने डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए संविधान के अनुसार समान नागरिक संहिता विधेयक पारित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य बन गया है।

UCC: सभी के लिए समान कानून

सीएम धामी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मानना था कि मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए समाज में रह रहे सभी लोगों हेतु समान कानून की आवश्यकता है। उत्तराखंड में, यूसीसी किसी से पक्षपात करने के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” को धरातल में उतारने के लिए लाया गया है।

सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी से महिलाओ, बुजुर्गों, बच्चों और आम नागरिकों को उनका अधिकार मिलेगा।

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