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इस साल भारत और कई अन्य देशों में चुनाव होने जा रहे हैं, जिसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई है कि इन देशों में लोगों के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी को स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने का अधिकार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को भारत के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। उनसे विशेष रूप से आगामी आम चुनावों से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज करने के मद्देनजर भारत में राजनीतिक अशांति के बारे में पूछा गया था।
दुजारिक ने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि भारत में, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, सभी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा, जिसमें राजनीतिक और नागरिक अधिकार शामिल हैं, और हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा।“
संयुक्त राष्ट्र की यह प्रतिक्रिया अमेरिका द्वारा इसी तरह के सवाल पर टिप्पणी करने के एक दिन बाद आई है, जिसके विरोध में केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया गया था। तलब किए जाने के कुछ घंटों बाद, वाशिंगटन ने फिर से दोहराया कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अधिकारियों ने मिशन के कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को दिल्ली में साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में बुलाया। बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली।
गुरुवार को, भारत ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग की हालिया टिप्पणी ‘अनुचित‘ है और कहा कि देश को ‘अपने स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व है‘ और उन्हें किसी भी प्रकार के अनुचित बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नई दिल्ली में अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत की चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
बागची ने गुरुवार को कहा, “भारत में कानूनी प्रक्रियाएं केवल कानून के शासन द्वारा संचालित होती हैं।“
इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा था कि भारत ने कुछ कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई है।