इस्लामाबाद। पाकिस्तान में नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले प्रस्ताव पर राजनीति गर्मा गई है। पाकिस्तान के कई नेताओं ने नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करने वाले पाकिस्तान सीनेट के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने इस प्रस्ताव को पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ बताया है।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन ने सैन्य अदालतों में नागरिकों के मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव 9 मई के दंगों के मामले में गिरफ्तार किए गए नागरिकों के सैन्य ट्रायल का समर्थन करता है। सीनेट में जमात-ए-इस्लामी के मुश्ताक अहमद और पीपीपी के नेता रजा रब्बानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का विरोध किया है। रजा रब्बानी ने कहा कि उन्होंने साल 2015 में देश में सैन्य अदालतें स्थापित करने के लिए विधेयक पर मतदान किया था, लेकिन उनका वोट पीपीपी का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए यह बिल शर्मनाक है।
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