नई पार्टी के साथ चुनाव में उतरेंगे कैप्टन अमरिंदर

लगभग दो दशक से पंजाब में कांग्रेस का पर्याय बने कैप्टन अमरिंदर सिंह अब नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर अपने तीखे तेवर से सभी को अवगत तो करवा ही दिया है। प्रदेश में कांग्रेस के नाराज वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा गुट है। कैप्टन उन्हीं को साधकर हाईकमान और पंजाब कांग्रेस को जमीन पर लाना चाहते हैं। पंजाब की अफसरशाही में कैप्टन की खासी पकड़ रही है वहीं सरकार के साथ-साथ उन्होंने संगठन पर भी अपना कब्जा हमेशा बरकरार रखा। कैप्टन के निकटवर्ती अब उन वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, जिनको दरकिनार किया जा रहा है।

डांवाडोल पार्टी में फूंकी थी जान
राजिंदर कौर भट्ठल के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस की कमान संभाली थी तो पार्टी की स्थिति डांवाडोल थी। 1997 में तो कांग्रेस के सिर्फ 14 विधायक ही जीते थे और भाजपा-अकाली दल का पूरा वर्चस्व था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में जान फूंकी और 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी को सत्ता में ले आए और 14 से सीधे 61 विधायक कांग्रेस के जीते। कैप्टन ने सबसे अधिक झटका भाजपा को दिया, जिनके सिर्फ तीन विधायक रह गए। 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन भी निराशाजनक नहीं रहा, कैप्टन के नेतृत्व में 44 विधायक कांग्रेस के जीते थे। इसके बाद कांग्रेस की कमान मोहिंदर सिंह केपी को मिली और बाद में प्रताप बाजवा को लेकिन दोनों कांग्रेस को सत्ता तक नहीं ला सके। 2012 में कांग्रेस के 46 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सत्ता नहीं मिली।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *