हरिद्वार में एक और अखाड़ा बना संपत्ति विवाद का केंद्र

हरिद्वार।   श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन महंत मोहन दास के गायब हो जाने के बाद आए दिन किसी ना किसी विवाद में फंसता हुआ नजर आता है।  नए विवाद के अंतर्गत इन दिनों स्वामी परमानंद आश्रम ट्रस्ट और अखाड़े के बीच विवाद चल रहा है। परमानंद आश्रम को ट्रस्टी गण जहां पूर्व की भांति ट्रस्ट के द्वारा ही संचालित करना चाहते हैं, वही बड़ा अखाड़ा उदासीन वहां पर जबरन किसी महंत को बिठाना चाहता है। स्वामी परमानंद आश्रम के प्रबंधक शंकर पांडे ने बताया कि स्वामी परमानंद आश्रम महाराज जी के ब्राह्मलीन हो जाने के पश्चात ट्रस्ट के द्वारा ही संचालित किया जा रहा है, लेकिन गंगा किनारे इस बेशकीमती आश्रम को हड़पने के लिए अखाड़ा काफी समय से इस पर गिद्ध दृष्टि लगाए हुए था। पूर्व में महामंडलेश्वर स्वामी श्यामसुंदर दास महाराज के संरक्षण में यह संस्था सामाजिक धार्मिक कार्यों का संपादन करते हुए सुचारू रूप से चली आ रही थी, लेकिन वर्तमान में अखाड़े की हठधर्मिता के कारण यहां विवाद पैदा हो गया है। इस विवाद के चलते ही गरीबदासी संप्रदाय के संत और ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी श्यामसुंदर दास शास्त्री जी के शिष्य स्वामी रवि देव शास्त्री ने परमानंद आश्रम ट्रस्ट समिति  में महंत विवाद के कारण अपने ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे दिया है उन्होंने बताया कि हमारा ट्रस्ट इस तानाशाही के खिलाफ है और किसी भी रूप में हम अपने यहां किसी भी महंत को नहीं बैठने देंगे अब देखना यह है कि हरिद्वार का एक और आश्रम विवादों का केंद्र बनता है या संत समाज के दखल से बड़ा अखाड़ा उदासीन जिसकी अपनी सदैव से साफ-सुथरी परंपरा रही है जो सेवा और सुमिरन के लिए जाना जाता है वह अपनी हठधर्मिता छोड़कर एक संस्था जो वर्षों से सुचारू रूप से चली आ रही है उसको स्वीकार करते हुए अपना दखल देना बंद करता है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा वैसे महंत मोहन  दास के गायब हो जाने के पश्चात अखाड़ा काफी विवादों में रहा है और संपत्तियों को खुर्द बुर्द करने का भी इल्जाम महंतो पर लगता रहा है अब इस विवाद से अखाड़ा कैसे बाहर निकलेगा यह तो वक्त ही बताएगा।

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