हमीरपुर। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अध्यक्षता में बुधवार को परिधिगृह हमीरपुर में संसदीय क्षेत्र के पूर्व पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में टिकट आवंटन को लेकर हंगामा हुआ। कुछ वर्तमान विधायकों का टिकट काटने की मांग कार्यकर्ताओं ने रखी। कार्यकर्ताओं को कहना था कि कमजोर सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएं नहीं तो चुनाव नतीजे उलट हो सकते हैं।
बैठक में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों से पूर्व मंडल अध्यक्षों और हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, संगठनात्मक जिला देहरा और मंडी के पूर्व जिला अध्यक्ष बुलाए गए थे। बैठक शाम तीन बजे शुरू हुई। यह साढ़े पांच बजे तक चली। बैठक शुरू होने के करीब पंद्रह मिनट बाद ही पूर्व पदाधिकारियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों का रिपोर्ट कार्ड राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के सामने रखा। पूर्व पदाधिकारियों ने कहा कि संसदीय क्षेत्र के दो मंत्री और करीब तीन विधायक मनमानी पर उतर आए हैं। पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखीू हो रही है।
आरएसएस और एबीवीपी के सर्टिफिकेट लेकर जाने वालों को ही बोर्ड, निगमों समेत अन्य महकमों में मलाईदार ओहदे दिए गए। पुराने कार्यकर्ताओं की जयराम सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही। कुछ लोग सरकार में मलाई खाने के बाद कांग्रेस तो कुछ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पदाधिकारियों ने मांग उठाई कि अगर सरकार रिपीट चाहते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हमीरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाना चाहिए। पूर्व चुनाव में भी धूमल के नाम पर भाजपा सत्ता में आई थी। उन्होंने यहां तक कहा कि कुछ विधायकों के लिए विचारधारा का कोई महत्व नहीं, जब मौका मिला तब विभिन्न पार्टियों से चुनाव लड़ा।
बीएल संतोष ने कहा कि भाजपा में परिवारवाद किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं। पूर्व में शांता कुमार, धूमल मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्तमान में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में सरकारें भाजपा व संगठन की होती हैं, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं। बैठक में कोई भी विधायक, वर्तमान मंडल अध्यक्ष और जिले के अध्यक्ष नहीं बुलाए गए।