आयुर्वेद मानता है कि कैंसर से बचाव किया जा सकता है। यदि फर्स्ट स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाता है, तो उसे कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में कैंसर का किस तरह इलाज संभव है, इसके लिए हमने बात की योगाचार्य और आयुर्वेद विशेषज्ञ कौशल कुमार से…
आयुर्वेद में मिल सकता है ब्रेस्ट कैंसर का निदान- मेडिकल साइंस में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज मौजूद है। इलाज के दौरान अत्यधिक दर्द होने तथा काफी महंगा होने के कारण लोग आयुर्वेद में इसका निदान ढूंढने लगे हैं। इस बारे में आचार्य कौशल कुमार मानते हैं कि यदि ब्रेस्ट कैंसर लास्ट स्टेज तक पहुंच चुका है, तो इसका इलाज असंभव है। यदि यह फर्स्ट स्टेज में है, तो एलोपैथिक दवाओं, स्वस्थ खानपान, व्यायाम आदि के साथ आयुर्वेदिक दवाएं ली जा सकती हैं। कुछ जड़ी-बूटियां गांठ को खत्म करने में बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं जैसे अश्वगंधा, हल्दी, कंचनार गुग्गुल (अम्लिकी, हरितिकी, अदरक, कंचनार) और गौधन ब्रेस्ट कैंसर से निजात पाने के लिए आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय, तुलसी, नीम, हल्दी का जूस भी रोजाना सुबह पिया जा सकता है। कंचनार काढ़ा, खाली पेट 2 ग्राम हल्दी खाने से भी गांठ खत्म होने में मदद मिलती है। रोज सुबह खाली पेट 2 चम्मच गौधन भी काफी असरकारक साबित हो सकता है।
कितना करें सेवन- आचार्य कौशल के अनुसार, ‘इसका सेवन तो रोग की इंटेसिटी पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से दिन में 2 या 3 बार एक-एक चम्मच लिया जा सकता है।’