Agnipath Scheme: उत्तराखंड में 90 दिन के भीतर शुरू होगी अग्निवीरों की भर्ती

देहरादून के क्लेमेनटाउन स्थित सेना की 14 इंफ्रेंट्री डिविजन (गोल्डन की डिविजन) के जनरल आफिसर कमांडिंग मेजर जनरल जीएस चौधरी ने कहा अग्निवीर के लिए उत्तराखंड में भर्ती रैली अगले 90 दिन में होगी। अगस्त अंत या सितम्बर शुरू होते-होते भर्ती रैली की जाएगीअग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण एक जनवरी को शुरू होगा और यह बैच जुलाई में सेना में विधिवत शामिल हो जाएगा। सैन्य प्रबंधन दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचकर युवाओं को जागरूक भी करेगा। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को भरोसा है कि अग्निपथ योजना से सेना को भी मजबूती मिलेगी और आपरेशनल क्षमता भी बढ़ेगी। सैनिकों की औसत आयु भी 32 साल से घटकर 25 साल हो जाएगी।

जीओसी ने कहा कि हमारी पहली कोशिश है कि इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा की जाए। स्कूल, कालेज, एनसीसी के जरिये युवाओं को इस योजना के बारे में बताया जाएगा। ऐसे में अधिकाधिक युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा।इनके चयन में भारतीय सेना कड़े मापदंड अपनाएगी। एक निष्पक्ष, पारदर्शी और वैज्ञानिक पद्धति स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले साल भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। अगले साल आनलाइन कम्बाइंड एंट्रेंस एग्जाम होगा। ताकि दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचा जा सके।

पहली भर्ती में देशभर से 40 हजार युवाओं को बतौर अग्निवीर सेना में भर्ती किया जाएगा। चयनित युवाओं को पहले छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद अगले साढ़े तीन साल वह सेना में तैनात रहेंगे।चार साल पूरे होने पर अग्निवीरों को स्थायी होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा। योग्यता व आवश्यकता के आधार पर 25 प्रतिशत तक अग्निवीर स्थायी होंगे। पत्रकार वार्ता में डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर तपन लाल साह, कर्नल जीएस विक्रांत मेहता व पीआइबी के एडीजी विजय कुमार भी मौजूद रहे।

जीओसी ने कहा कि चार साल की सैन्य सेवा के बाद जो युवा कार्यमुक्त होंगे, उनका प्रोफाइल मजबूत बन जाएगा। इस अनुशासित व दक्ष युवा शक्ति को सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरी में वरीयता मिलेगी।केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, असम राइफल के अलावा राज्य सरकारों ने भी पुलिस व अन्य भर्तियों में इन युवाओं को प्राथमिकता देने की बात कही है। वहीं, उद्योग व कई अन्य निजी व सरकारी संस्थान से भी बात चल रही है।

मेजर जनरल चौधरी ने कहा कि दसवीं पास कर आए अग्निवीर को बारहवीं के समकक्ष प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वहीं, बाहरवीं उत्तीर्ण करने के बाद आने वालों को क्रेडिट प्वाइंट या डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। सशस्त्र बलों की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) के साथ भी बात कर रही है। आइटीआइ के जरिये तकनीकी रूप से दक्ष व कुशल युवा मिल पाएंगे।

उन्होंने बताया कि अब से युवाओं की भर्ती अग्निपथ योजना से ही होगी। हालांकि मिलिट्री पुलिस में महिला सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। बताया कि अग्निपथ योजना पुरुष व महिला, दोनों के लिए है। आगे जरूरत के अनुसार महिला अग्निवीर की भर्ती की जाएगी। कहा कि अभी भी हर साल तीनों सेनाओं से 60-70 हजार जवान सेवानिवृत्त होते हैं। वह समाज की बेहतरी में अपना योगदान दे रहे हैं। अग्निवीर भी अपनी दक्षता की बदौलत राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे।

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