ग्रेटर नोएडा भू घोटाले की पुलिस जांच पर हाईकोर्ट की रोक, मुकदमे को लेकर उठने लगे कई सवाल – The Hill News

ग्रेटर नोएडा भू घोटाले की पुलिस जांच पर हाईकोर्ट की रोक, मुकदमे को लेकर उठने लगे कई सवाल

देहरादून। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गांव चिटहेरा में अनुसूचित जाति के लोगों के पट्टों की खरीद फरोख्त को लेकर दादरी पुलिस की चल रही जांच को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक दिया है। भू माफिया यशपाल तोमर के साथ पुलिस ने आठ भूमि खरीदारों को तोमर का सहआरोपी बनाया था, जिसमें उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा के भाई साकेत बहुगुणा की कंपनी की ओर से हाईकोर्ट में मुकदमे को निराधार बताने वाली याचिका पर न्यायालय ने पुलिस की अग्रिम जांच पर रोक लगा दी है।  इसी मामले में उत्तराखंड के तीन वरिष्ठ नौकरशाहों के रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया है। हाईकोर्ट के स्टे से अब ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन के आदेश पर हुई एफआईआर पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। साकेत बहुगुणा की कंपनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के ससुर को इस मुकदमे में आरोपी बनाने से पूरे प्रकरण में राजनीतिक षड़यंत्र का भी अंदेशा जताया जा रहा है।
इस मुकदमे की टाइमिंग को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत उपचुनाव लड़ रहे हैं और ठीक इसी समय उनके कैबिनेट मंत्री सौरभ के भाई साकेत और धामी के सचिव मीनाक्षी के रिश्तेदारों पर लगे आरोप इशारा कर रहे हैं कि मामला सीधा सादा नहीं है। हालांकि यह जांच का विषय है कि दादरी पुलिस ने किस आधार पर केवल खरीदारों को आरोपी बनाया जबकि जमीन की खरीद फरोख्त में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों को मामले से बाहर रखा।
भू घोटाले के मुख्य आरोपी यशपाल तोमर ने किस षड़यंत्र से जमीन एससी लोगों से हथियाई यह जांच का विषय है, लेकिन जमीन के उचित दाम देकर कानून रजिस्ट्री करवाने वाले खरीदार भी आरोपी बनाए जाने से सवाल उठ खड़े हुए। अगर यह खरीद वैधानिक नहीं है तो ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों ने उसका अधिग्रहण किस आधार पर किया। ऐसे में तो उस दौरान वहां तैनात रहे अफसर भी आरोपी होने चाहिए।
बता दें कि कोर्ट से पहले ही चार आरोपियों साकेत बहुगुण की कंपनी, मुख्यमंत्री के सचिव मिनाक्षी सुंदरम के ससुर एम भास्करन, आईएएस ब्रिजेश संत के पिता केएम संत और डीआईजी राजीव स्वरूप की माता सरस्वति को अग्रिम जमानत मिल चुकी है।

आखिर क्यों दर्ज हुई थी एफआईआर

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर  जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर डीएम ग्रेटर नोएडा ने दादरी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भूमाफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। जिसमें नौ आरोपी तय हुए जिसमें पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे साकेत की कंपनी सहित तीन उत्तराखंड के नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार भी हैं। 

 

 

 

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