देहरादून। भाजपा और कांग्रेस में बागियों ने प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ा रखी हैं। टिकट कटने और टिकट न मिलने से नाराज कई दावेदार निर्दलीय ताल ठोक चुके हैं। दोनों ही पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व बागियों को समझाने और मान मनौव्वल में जुटा है, लेकिन बगावत है कि थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में दोनों दलों की कई सीटों पर समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
कांग्रेस में कई नेता मान-मनव्वल के बाद मान गए हैं तो कई अब भी जिद पर अड़े हैं। बागियों को मनाने के लिए एआईसीसी की ओर से उत्तराखंड के लिए विशेषतौर पर नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश, प्रभारी देवेंद्र यादव और उनकी टीम के साथ प्रदेश स्तरीय दिग्गज नेताओं को लगाया है। मोहन प्रकाश और देवेंद्र यादव बागियों से दूरभाष के अलावा व्यक्तिगत तौर पर मिलकर जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह फिलहाल अपने-अपने क्षेत्रों में व्यस्त हैं।
हरीश रावत की सीट पर अड़ी हैं संध्या डालाकोटी
पूर्व सीएम हरीश रावत की सीट लालकुआं से पूर्व में घोषित उम्मीदवार संध्या डालाकोटी फिलहाल मैदान से हटने को तैयार नहीं है। कई नेताओं के मनाने के बाद भी उनके बगावती तेवर जस के तस हैं। ऋषिकेश में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो रुद्रप्रयाग में पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी भी बगावत का झंडा लिए मैदान में डटे हैं। वहीं टिहरी जिले की घनसाली सीट पर पूर्व विधायक भीमलाल आर्य फिलहाल मैदान छोड़ने को तैयार नहीं है।
इन सीटों पर भी फंसा है पेंच
सहसपुर से आकिल अहमद, कैंट से चरणजीत कौशल, रायपुर में सूरत सिंह नेगी, ज्वालापुर से एसपी सिंह इंजीनियर, उत्तरकाशी की यमुनोत्री सीट से वर्ष 2017 के प्रत्याशी रहे संजय डोभाल, यूएसनगर की किच्छा सीट पर हरीश पनेरू, बागेश्वर से बालकृष्ण और भैरवनाथ तो रामनगर से संजय नेगी पार्टी से बगावत कर मैदान में डटे हुए हैं।
भाजपा तलाश रही बगावत शांत करने का मंत्र
भाजपा में 14 विधानसभा सीटों पर पार्टी लाइन से बाहर जाकर अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बागियों ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। बगावत के इस मर्ज का पार्टी को कोई इलाज नहीं मिल रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बागियों के चुनाव मैदान में होने से भाजपा प्रत्याशियों के चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। पार्टी प्रत्याशी की राह को निष्कंटक बनाने के लिए भाजपा ने अपने सभी दिग्गजों को झोंक दिया है। बागियों को मनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों, सांसदों, केंद्रीय नेताओं तक को मैदान में उतार दिया गया है।
तीन विधायकों का टिकट काटने के बाद वहां तो खुलकर बगावत हो रही है। तीनों सीटों रुद्रपुर, टिहरी और नरेंद्रनगर में जमकर विरोध है। रुद्रपुर से विधायक राजकुमार ठुकराल ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय पर्चा भरा है। नरेंद्रनगर में पार्टी प्रत्याशी सुबोध उनियाल के खिलाफ बगावत कर ओम गोपाल रावत कांग्रेस के प्रत्याशी बन चुके हैं। टिहरी सीट के विधायक धन सिंह नेगी ने भी भाजपा छोड़ दी है और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कौशिक कहते हैं, सभी लोग हमारे संपर्क में है और हमें पूरा भरोसा है कि नामांकन वापसी तक वे मान जाएंगे। उधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर भाजपा को बगावत थामने में बेशक सफलता मिल जाए, लेकिन ज्यादातर पर उसकी मुश्किलें बनी रह सकती हैं। पार्टी की ओर से हो रही कोशिशों से साफ जाहिर है कि 31 जनवरी नामांकन वापसी तक पार्टी बागियों को मनाने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रही है।
भाजपा के इन बागियों को मनाने की चुनौती
विधानसभा सीट – प्रत्याशी
डोईवाला – जितेंद्र नेगी
धनोल्टी – महावीर सिंह रांगड
देहरादून कैंट – दिनेश रावत
धर्मपुर – वीर सिंह पंवार
कर्णप्रयाग – टीका प्रसाद मैखुरी
कोटद्वार – धीरेंद्र सिंह चौहान
भीमताल -मनोज शाह
घनसाली – सोहन लाल खंडेवाल व दर्शन लाल आर्य
रुड़की – नीतिन शर्मा
लक्सर – अजय वर्मा