यह खबर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से हैं जहां एक महिला आईएएस अफसर की शादी चर्चा का विषय बन गई है दरअसल नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव में महिला आईएएस अफसर और आईएएस अधिकारी की शादी हो रही थी यह शादी इसलिए चर्चा में है क्योंकि इस शादी में महिला आईएएस अफसर ने अपना कन्यादान कराने से इंकार कर दिया आईएस तपस्या ने अपने पिता से कहा कि मैं दान की चीज नहीं हूं आपकी बेटी हूं और ये कहकर महिला ने कन्यादान की रस्म नहीं कराई।
तपस्या का कहना है कि दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं तो फिर बड़ा छोटा या ऊंचा नीचा होना ठीक नहीं। क्यों किसी का दान किया जाए और जब मैं शादी के लिए तैयार हुई तो मैंने भी परिवार के लोगों से चर्चा कर कन्यादान की रस्म को शादी से दूर रखा। वहीं तपस्या के पति आईएफ़एस गर्वित भी बताते हैं कि क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है। चाहे मांग भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो ये सिद्ध करें कि लड़की शादीशुदा है। ऐसी रस्में लड़के के लिए कभी लागू नहीं होती और इस तरह की मान्यताओं को हमें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
जैसे कि हिंदू संस्कृति में कन्यादान का सबसे अहम महत्व होता है पर नरसिंहपुर जिले में पैदा हुई महिला आईएएस अधिकारी ने इन सारे बंधनों को तोड़ते हुए अपनी शादी में कन्यादान की रस्म को ना करवा कर शादी को चर्चाओं में ला खड़ा कर दिया। इस शादी पर और ज्यादा चर्चा इस कारण हो रही है क्योंकि ये सब घरवालों की और ससुराल वालों की सहमति से हुआ। बता दें ये पूरी शादी वैदिक मंत्रों के साथ और बाकी के सारे रीति रिवाज से संपन्न हुई. बस कन्यादान जैसी रस्म को दूर कर दोनों आईएएस ओर आईएफएस अधिकारियों ने शादी को अनोखा बना दिया और एक मिसाल पेश कर चर्चाओं में ला दिया।