आईपीएल (Indian Premier League) के 2022 संस्करण के लिए हाल ही में सभी टीमों ने अपने रिटेंशन की लिस्ट सौंप दी है। अब इंतजार है मेगा ऑक्शन का जिसकी तारीखों की अभी घोषणा नहीं की गई है। लेकिन इससे पहले कुछ बगावती सुर सामने आए हैं। दिल्ली कैपिटल्स (DC) और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के अधिकारियों ने इस प्रणाली का विरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केकेआर के मुख्य अधिकारी वेंकी मैसूर और दिल्ली कैपिटल्स के पार्थ जिंदल का मानना है कि आईपीएल का मेगा ऑक्शन अब उतना उपयोगी नहीं रहे गया है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया अब सभी के लिए एक समान नहीं रहे गई है।
एक क्रिकेट वेबसाइट से बात करते हुए मैसूर ने कहा कि, लीग के लिए अब एक अहम मोड़ आ रहा है, जहां आपको यह सोचना होगा कि क्या मेगा ऑक्शन की जरूरत है। आने वाले नए खिलाड़ियों के लिए ड्राफ्ट तय किए जा सकते हैं या फिर आप आपसी सहमति से ही उन्हें ले सकते हैं। खिलाड़ियों को लोन पर लिया जा सकता है और हमें लंबे समय के लिए टीम बनाने की अनुमति दी जा सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘सभी आईपीएल टीमों के पास अपनी-अपनी एकेडमी है और स्काउटिंग प्रणाली है, जो युवा और अनकैप्ड खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ती है। उन्हें भविष्य के लिए तैयार भी किया जाता है। ये सब करने के बाद खिलाड़ियों को नीलामी में भेजने के बजाय आप उनको रिटेन करवाकर फ्रेंचाइजियों को निवेश का लाभ दे सकते हैं।’
केकेआर के अधिकारी ने ये भी कहा कि, ‘एक समय था, जब बड़ी नीलामी सभी टीमों को एक समान स्तर पर लाने का काम करती थी। हालांकि तब भी हमें ऐसा लगता था कि अगर आप टीमों को कुछ खिलाड़ियों को वापस चुनने का अधिकार दे रहे हैं तो वह रिटेंशन द्वारा नहीं बल्कि राइट-टू-मैच (आरटीएम) कार्ड के जरिए होना चाहिए।
दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक हुए निराश
वहीं स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए दिल्ली के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने भी मेगा ऑक्शन के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि,’हमनें पंत, अक्षर, शॉ और नॉर्किया को रिटेन किया। लेकिन दुर्भाग्यवश हम श्रेयस अय्यर, शिखर धवन, अश्विन और कगिसो रबाडा जैसे खिलाड़ियों को नहीं ले पाए। ये काफी दुखद रहा।’