नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खतरे को देखते हुए रेखा सरकार ने दो बड़े और अहम फैसले लिए हैं। सरकार ने निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित हुए मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए खजाना खोल दिया है। सरकार के फैसले के मुताबिक निर्माण कार्यों पर रोक लगने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए दस हजार रुपये की राशि भेजी जाएगी। यह कदम मजदूरों को राहत देने के लिए उठाया गया है जिनकी रोजी रोटी प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कारण छिन गई है।
इसके अलावा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके तहत दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों के लिए 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य यानी मैंडेटरी कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब दफ्तरों में आधे कर्मचारी ही आएंगे और बाकी घर से काम करेंगे ताकि सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो और प्रदूषण में कमी आए। हालांकि स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं को इस नियम से छूट दी गई है। इन फैसलों की जानकारी बुधवार को मंत्री कपिल मिश्रा ने दी।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। लगातार चार दिनों तक गंभीर श्रेणी में रहने के बाद बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई थोड़ा सुधरकर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। मंगलवार को हवा की गति बढ़ने और सुबह के समय कोहरे व स्मॉग में कमी आने की वजह से प्रदूषण के स्तर में यह मामूली सुधार दर्ज किया गया। मंगलवार को दिल्ली के लगभग सभी निगरानी केंद्रों पर प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में सोमवार को एक्यूआई 427 दर्ज किया गया था जबकि मंगलवार को यह गिरकर 354 पर आ गया। इस तरह 24 घंटे के भीतर एक्यूआई में 73 अंकों का सुधार देखा गया। मंगलवार को दिल्ली में कई जगहों पर 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलीं जिससे प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ।
सीपीसीबी के मानकों के अनुसार हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे सामान्य माना जाता है। लेकिन एनसीआर की हवा में मंगलवार को पीएम 10 का औसत स्तर 276 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 167 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। इसका मतलब है कि हवा में मौजूद प्रदूषक कणों का स्तर अभी भी मानकों से लगभग दोगुना से ज्यादा है।
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली का अनुमान है कि अगले दो दिनों में हवा की रफ्तार में थोड़ी और तेजी आएगी। दिन के समय हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होगी और खिली हुई धूप निकलेगी। इससे प्रदूषक कणों का बिखराव तेज होगा और प्रदूषण के स्तर में हल्का सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही बने रहने की आशंका है और दिल्ली की हवा के पूरी तरह साफ होने की अभी कोई उम्मीद नहीं है।