Uttarakhand: हल्द्वानी में मुख्यमंत्री धामी ने दिव्यांगजनों को बताया समाज का दिव्य अंग और दी करोड़ों की सौगात – The Hill News

Uttarakhand: हल्द्वानी में मुख्यमंत्री धामी ने दिव्यांगजनों को बताया समाज का दिव्य अंग और दी करोड़ों की सौगात

हल्द्वानी
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर हल्द्वानी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। एमबीपीजी कॉलेज के सभागार में समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को सम्मानित करते हुए उन्हें समाज का अभिन्न और ‘दिव्य-अंग’ बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दिव्यांगता केवल शरीर में हो सकती है, किसी के सपनों में नहीं। आज हमारे दिव्यांग भाई-बहन हर क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश को बड़ी सौगातें भी दीं। उन्होंने देहरादून में 905.13 लाख रुपये की लागत से बनने वाले बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। इस भवन में दिव्यांगजन आयुक्त, उत्तराखंड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम और समाज कल्याण आईटी सेल के कार्यालय संचालित होंगे। इसके अलावा नैनीताल (एलिम्को) में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का भी लोकार्पण किया गया।

अपने संबोधन में धामी ने चुनौतियों को अवसरों में बदलने वाले नायकों को याद किया। उन्होंने भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चैनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया और बिना हाथों के तीरंदाजी में विश्व चैंपियन बनीं शीतल देवी का उदाहरण देकर लोगों में जोश भरा। साथ ही हाल ही में कोलंबो में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम की उपलब्धि पर गर्व जताया।

सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों का आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगों को 1500 रुपये और तीलू रौतेली व बौना पेंशन योजना के तहत 1200 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को भरण-पोषण के लिए 700 रुपये मासिक और कृत्रिम अंगों के लिए 7000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। दिव्यांग व्यक्ति से विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में 50,000 रुपये देने और छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की मुफ्त कोचिंग देने जैसी सुविधाएं भी सरकार मुहैया करा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भवनों, अस्पतालों और बस अड्डों को दिव्यांग-अनुकूल बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। पुराने भवनों में भी सुगमता के लिए बदलाव किए जा रहे हैं। राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण शुरू किया गया है ताकि उनकी सही संख्या और जरूरतों का पता चल सके। उन्होंने युवा आविष्कारकों से अपील की कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर दिव्यांगों के जीवन को आसान बनाने वाले उपकरण तैयार करें।

समारोह के दौरान 41 प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों को सम्मानित किया गया। उन्हें आठ हजार रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल और प्रशस्ति पत्र सौंपे गए। मुख्यमंत्री ने खुद सभी से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस कार्यक्रम में विधायक बंशीधर भगत, सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, मेयर गजराज बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, आईजी रिद्धिम अग्रवाल और एसएसपी मंजूनाथ टीसी सहित कई अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

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